कातकरी समुदाय का मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन शिंदे के आश्वासन के बाद समाप्त
कातकरी समुदाय का मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन शिंदे के आश्वासन के बाद समाप्त
ठाणे, छह नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में आदिवासी कातकरी समुदाय ने विभिन्न मांगों को लेकर ठाणे शहर में किया जा रहा आंदोलन दूसरे दिन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिए जाने के बाद बृहस्पतिवार शाम वापस ले लिया।
कातकरी सदस्य अपने मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के मकसद से बुधवार को बुधवार को शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में ठाणे में एकत्र हुए थे।
ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित मैदान में बुधवार को ‘आत्मक्लेश’ (आत्म-पीड़ा) भूख हड़ताल के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और दूसरे दिन भी यह विरोध प्रदर्शन जारी रहा तथा लोगों ने धरना दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अशिक्षा, गरीबी और कर्ज जैसी समस्याओं के कारण कातकरी समुदाय की हालत गंभीर है। उनका आरोप है कि समुदाय के सदस्यों को बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किया जा रहा है; उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है; महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत उनकी दैनिक मजदूरी का भुगतान देरी से हो रहा है और नाबालिग लड़कियों की तस्करी की जा रही है।
श्रमजीवी संगठन के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में ठाणे, पालघर, रायगढ़, नासिक और पुणे जिलों के कातकरी समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
राज्य परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कार्यक्रम स्थल का दौरा किया और प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने भी संगठन के सदस्यों से संपर्क किया और उन्हें बताया कि प्रदर्शनकारियों की बुनियादी मांगें जायज हैं तथा सरकार उनसे अवगत है।
शिंदे ने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा के लिए मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी।
संगठन के शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि इस घोषणा के बाद संगठन ने विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।
भाषा
यासिर माधव
माधव

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