लोकसभा चुनाव ‘मनुवादी’ विचारधारा के खिलाफ लड़ाई : खरगे |

लोकसभा चुनाव ‘मनुवादी’ विचारधारा के खिलाफ लड़ाई : खरगे

लोकसभा चुनाव ‘मनुवादी’ विचारधारा के खिलाफ लड़ाई : खरगे

:   Modified Date:  April 14, 2024 / 08:52 PM IST, Published Date : April 14, 2024/8:52 pm IST

नागपुर, 14 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नहीं बल्कि सत्तारूढ़ सरकार की ‘‘मनुवादी’’ विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है।

नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता नितिन गडकरी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि कांग्रेस बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए लड़ रही है जो 140 करोड़ भारतीयों के अधिकारों की रक्षा करता है।

खरगे ने कहा, ‘‘ठाकरे कोई नामी गिरामी उम्मीदवार नहीं, बल्कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं। उन्हें मनुवादी विचारधारा को हराने के लिए चुना गया है। 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी या गडकरी के खिलाफ नहीं बल्कि मनुवादी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है।’’

खरगे ने दावा किया कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत होती है, तो आगे कोई चुनाव नहीं होगा और वे संविधान को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए काम किया लेकिन अब मोदी पूछते हैं कि पार्टी ने पिछले 70 वर्षों में क्या किया है?’’

खरगे ने आरोप लगाया, ‘‘आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कुछ नहीं किया, लेकिन अब वे राम मंदिर और बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर वोट मांगने आते हैं। आंबेडकर की एक तस्वीर तो छोड़िए, इन लोगों ने अपने कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं रखा।’’

उन्होंने कहा कि युवा इन संगठनों का इतिहास नहीं जानते हैं और मोदी के ‘झूठ’ से गुमराह हैं। खरगे ने कहा कि मोदी के कार्यकाल में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 5-6 फीसदी की दर से बढ़ रही है, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान यह 8-9 फीसदी थी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मोदी विपक्ष को भ्रष्ट कहते हैं लेकिन उनकी पार्टी दागी नेताओं को शामिल करती है। भाजपा एक ऐसी लॉन्ड्री है जहां भ्रष्टों को मोदी शामिल करते हैं, अमित शाह उन्हें धोने के लिए डालते हैं और गडकरी उन्हें क्लीन चिट देते हैं।’’

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. आंबेडकर के प्रयासों से संविधान बनने के बाद लोगों को वोट देने का अधिकार मिला।

खरगे ने कहा, ‘‘कांग्रेस का घोषणापत्र सर्वसमावेशी है और इसमें गरीबों, पिछड़ों, किसानों और समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी धर्म और राजनीति का घालमेल कर रहे हैं तथा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ‘‘अस्वीकार’’ करने के लिए कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। खरगे ने कहा कि सिर्फ उन्हें और सोनिया गांधी को आमंत्रित किया गया।

खरगे ने सवाल किया, ‘‘मोदी कहते हैं कि हम राम के खिलाफ हैं क्योंकि हम प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हुए। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या मेरे लोगों (दलितों) को मंदिरों, स्कूलों में प्रवेश है? आपके शासन में यही व्यवस्था है। मैं अकेले कैसे जा सकता हूं जब दलित, पिछड़ों और गरीबों को अनुमति नहीं है? आप यह कहकर मेरा अपमान करते हैं कि मैं नहीं आया लेकिन क्या आपने मेरी पार्टी को आमंत्रित किया?’’

खरगे ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद परिसर की आधारशिला रखने की अनुमति नहीं देकर और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा या संसद के नए भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करके अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अपमान किया है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

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