14 हजार पुरुष और 2 हजार सरकारी कर्मचारी ले रहे थे महिलाओं की इस योजना का लाभ, पूरे प्रदेश में 26 लाख लाभार्थियों की होगी जांच, हो सकता है बड़ा एक्शन
महाराष्ट्र सरकार लाडकी बहन योजना के 26 लाख ‘संदिग्ध’ लाभार्थियों की जांच करेगी, Maharashtra govt to probe 26 lakh 'doubtful' beneficiaries of Ladki Behen scheme
मुंबई: Ladki Behen scheme महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना के 26 लाख से अधिक लाभार्थियों को लक्ष्य करके बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाने का आदेश दिया है। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी और कहा कि योजना का दुरुपयोग और बड़े पैमाने पर अपात्र लोगों द्वारा इसका लाभ उठाने के संदेह पर यह कदम उठाया गया है।
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Ladki Behen scheme जिला प्रशासन को निर्धारित मानदंडों के आधार पर सूचीबद्ध महिलाओं के आवेदनों और पात्रता का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है, जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जांच करने का काम सौंपा गया है ताकि अपात्र दावेदारों को बाहर निकाला जा सके। इस योजना के तहत प्रति परिवार 21 से 65 वर्ष की आयु की केवल दो महिलाओं को ही लाभ मिलता है, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां एक ही परिवार की दो से अधिक महिलाओं, या निर्धारित आयु वर्ग से बाहर की महिलाओं ने 1,500 रुपये के मासिक भुगतान का लाभ उठाया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान जांच दो प्राथमिक शर्तों (आयु और प्रति परिवार लाभार्थियों की संख्या) पर केंद्रित है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पात्र आयु वर्ग से बाहर पाई जाने वाली महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जिन घरों में दो से अधिक लाभार्थी हैं, वहां केवल दो ही पात्र रहेंगी। फर्जी दस्तावेज़ों, झूठे हस्तांतरण प्रमाणपत्रों और चार पहिया वाहनों के स्वामित्व की भी अतिरिक्त जांच की जा रही है।’’ इससे पहले की रिपोर्टों से पता चला था कि लगभग 14,000 पुरुषों को इस योजना के तहत 10 महीनों तक 21 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान प्राप्त हुआ था। एक अलग जांच में, 2,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को इस योजना का अनुचित लाभ उठाते हुए पाया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘जारी सत्यापन के दायरे में जालना जिला भी शामिल है जहां 70,000 लाभार्थियों की जांच की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने संदिग्ध अपात्र दावेदारों की एक सूची तैयार की है और कई जिलों में जमीनी स्तर पर जांच पहले ही शुरू हो चुकी है।’’

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