मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावों से जुड़े 1961 के कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लागू करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी, जिसके तहत नामांकन पत्रों पर निर्वाचन अधिकारियों के निर्णय को अंतिम माना जाएगा।
सरकार ने कहा कि इस अध्यादेश का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव समय पर संपन्न कराए जा सकें।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 में संशोधन से जुड़े महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति (संशोधन) अध्यादेश 2025 को लागू करने की मंजूरी दे दी गई।
बयान के अनुसार, यह फैसला जिला परिषदों और पंचायत समितियों के चुनावों को निर्धारित वक्त पर और समयबद्ध तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 की धारा 14(2) के मौजूदा प्रावधान के तहत, उम्मीदवार निर्वाचन अधिकारियों द्वारा नामांकन पत्रों को स्वीकार करने या ठुकराने के फैसले के खिलाफ जिला अदालतों में अपील दायर कर सकते हैं।
हालांकि, विभिन्न जिला अदालतों में इस तरह की कई अपील लंबे समय तक विचाराधीन रहने के कारण, कई बार चुनाव निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं कराए जा सके हैं। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से इस प्रावधान को हटाने की सिफारिश की थी।
बयान में कहा गया है कि संशोधन राज्य सरकार को ऐसे चुनावों के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है और नामांकन पत्रों को स्वीकार करने या ठुकराने के संबंध में निर्वाचन अधिकारियों के निर्णय को अंतिम बनाता है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह अध्यादेश ऐसे समय में लागू किया गया है, जब महाराष्ट्र में पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव होने हैं। उच्चतम न्यायालय ने राज्य की 336 पंचायत समितियों और 32 जिला परिषदों के चुनाव अगले साल 31 जनवरी तक संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं।
भाषा पारुल प्रशांत
प्रशांत