अमरावती, 17 दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेजों के विकास के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इससे कुशल सेवाएं सुनिश्चित होंगी।
यहां सचिवालय में आयोजित जिलाधिकारियों के पांचवें सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पीपीपी मॉडल के तहत 10 मेडिकल कॉलेजों के विकास जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर बात की, जिसका वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने कड़ा विरोध किया है।
सरकार के अनुसार, ये 10 मेडिकल कॉलेज पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान केंद्र द्वारा स्वीकृत 17 कॉलेजों का हिस्सा थे।
नायडू ने कहा, ‘‘पीपीपी मॉडल के माध्यम से सेवाएं बेहतर होंगी। कुछ लोग कहते हैं कि मेडिकल कॉलेजों का निजीकरण किया जा रहा है। यद्यपि इनका निर्माण पीपीपी मॉडल के तहत किया जा रहा है और ये सरकारी कॉलेजों की तरह ही संचालित होंगे।’’
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मेडिकल कॉलेजों के नियम सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे और उनकी 70 प्रतिशत सेवाएं एनटीआर वैद्य सेवा योजना (कल्याणकारी स्वास्थ्य योजना) के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सीट संख्या भी बढ़ाई गई है।
केंद्र सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल के तहत परियोजनाओं को शुरू करने का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि उन्हें आलोचना से डर नहीं लगता और जनता को सच्चाई बतायी जानी चाहिए।
वाईएसआरसीपी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान विशाखापत्तनम में ‘रुशिकोंडा पैलेस’ पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे दो मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा सकता था।
नायडू ने 26 जिलों के जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछली सरकार (वाईएसआरसीपी) ने कई गलतियां कीं। वह वेतन देने की स्थिति में भी नहीं थी और उसने उच्चतम ब्याज दरों पर ऋण लिया। 13 से 14 प्रतिशत (ब्याज दर) पर ऋण लेकर उसने समस्याएं खड़ी कीं।’’
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नौकरशाही की अक्षमता, विशेष रूप से राजस्व विभाग को लेकर चेतावनी दी।
उन्होंने सभी सरकारी फाइलों और सेवाओं को जनवरी 2026 तक ऑनलाइन उपलब्ध कराने की समय सीमा निर्धारित की और अधिकारियों को वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘डेटा लेक’ पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
डेटा लेक एक केंद्रीकृत संग्रहण केंद्र होता है जिसमें अलग-अलग स्रोत से बहुत सारा असंशोधित डेटा उसके मूल स्वरूप में रखा जाता है।
भाषा संतोष नरेश
नरेश