मराठा आरक्षण: आंदोलन के 14वें दिन कार्यकर्ता जरांगे ने तरल पदार्थ का सेवन बंद किया
मराठा आरक्षण: आंदोलन के 14वें दिन कार्यकर्ता जरांगे ने तरल पदार्थ का सेवन बंद किया
औरंगाबाद, 11 सितंबर (भाषा) मराठा आरक्षण को लेकर अनशन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए तरल पदार्थ का सेवन बंद कर दिया है और उन्होंने सोमवार को राज्य के सभी राजनीतिक दलों से आरक्षण के मुद्दे पर समुदाय के साथ खड़े होने की अपील की।
मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर 40 वर्षीय मनोज जरांगे मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने रविवार शाम से ‘इन्ट्रावेनस फ्लूइड’ (नसों के जरिये दिया जाने वाला तरल पदार्थ) और तरल पदार्थ का सेवन बंद कर दिया है।
जालना के सिविल सर्जन प्रताप घोडके ने कहा, ‘‘हमारे चिकित्सकों की टीम कल (रविवार शाम) जरांगे को देखने गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी जांच कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने इन्ट्रावेनस फ्लूइड और तरल पदार्थ का सेवन बंद कर दिया है।’’
इस बीच, जरांगे ने सोमवार को एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों से आरक्षण के मुद्दे पर समुदाय के साथ खड़े होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठा समुदाय ने पिछले 70 वर्षों में सभी राजनीतिक दलों का साथ दिया है…अब मराठा समुदाय के साथ खड़े होने की उनकी बारी है। समुदाय देखेगा कि अब कौन सा दल उनके साथ खड़ा है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य सरकार को और समय देने को तैयार हैं, जरांगे ने कहा कि अगर कोई आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल उनके साथ बातचीत के लिए आता है, तो वह इसके लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें पर्याप्त समय दिया है…70 साल। लेकिन अगर वे हमारी मांगें सुनने को तैयार हैं और कोई प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए आता है, तो हम उनकी बात जरूर सुनेंगे।’’
भाषा खारी दिलीप
दिलीप
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