मालेगांव विस्फोट मामले में मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था: पूर्व एटीएस अधिकारी

मालेगांव विस्फोट मामले में मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था: पूर्व एटीएस अधिकारी

मालेगांव विस्फोट मामले में मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था: पूर्व एटीएस अधिकारी
Modified Date: July 31, 2025 / 11:35 pm IST
Published Date: July 31, 2025 11:35 pm IST

पुणे, 31 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट मामले की जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेवानिवृत्त निरीक्षक महबूब मुजावर ने कहा कि भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश का उद्देश्य ‘‘भगवा आतंकवाद’’ को स्थापित करना था।

उन्होंने सोलापुर में कहा कि अदालत के फैसले ने एटीएस के ‘‘फर्जीवाड़े’’ को नकार दिया है।

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शुरू में एटीएस ने मामले की जांच की थी, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपने हाथ में ले लिया।

मुजावर ने एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम लेते हुए कहा, ‘‘इस फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच को उजागर कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को ‘‘पकड़ने’’ के लिए कहा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों… लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके।’’

मुजावर ने कहा कि दरअसल, उन्होंने उनका पालन नहीं किया क्योंकि उन्हें हकीकत पता थी।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।’’

पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास अपने दावों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। सब कुछ फर्जी था।’’

भाषा सुरभि नेत्रपाल

नेत्रपाल


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