रजनीश सेठ को महाराष्ट्र का डीजीपी बनाए जाने के बाद अदालत ने जनहित याचिका का निस्तारण किया

रजनीश सेठ को महाराष्ट्र का डीजीपी बनाए जाने के बाद अदालत ने जनहित याचिका का निस्तारण किया

Modified Date: February 21, 2022 / 12:42 pm IST
Published Date: February 21, 2022 12:42 pm IST

मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक के पद पर रजनीश सेठ की नियुक्ति के बाद बंबई उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें आईपीएस अधिकारी सजंय पांडे को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किए जाने पर आपत्ति जतायी गयी थी।

महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने उच्च न्यायालय में इस साल 18 फरवरी को जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) की एक प्रति पेश की जिसमें सेठ की नियुक्ति की सूचना दी गयी है। उन्होंने पीठ को बताया कि सेठ ने 18 फरवरी को पदभार संभाल लिया है।

कुम्भकोणी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा पद के लिए भेजे गए तीन आईपीएस अधिकारियों के नामों में से एक सेठ की नियुक्ति कर दी है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।

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महाराष्ट्र में शीर्ष पुलिस पद पिछले साल जनवरी में खाली हो गया था जब डीजीपी सुबोध जायसवाल ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए बीच में ही यह पद छोड़ दिया था। इसके बाद उन्हें सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्त कर दिया गया।

इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सबसे वरिष्ठ अधिकारी पांडे को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया था।

वकील दत्ता माने ने एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया था कि पांडे को कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाना पुलिस सुधारों पर उच्चतम न्यायालय के 2006 के आदेश का उल्लंघन है और डीजीपी के कार्यवाहक या तदर्थ पद के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद


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