बुलढाणा हादसे के लिए महाराष्ट्र सरकार पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए : नाना पटोले

बुलढाणा हादसे के लिए महाराष्ट्र सरकार पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए : नाना पटोले

Modified Date: July 1, 2023 / 09:30 pm IST
Published Date: July 1, 2023 9:30 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, एक जुलाई (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को कहा कि समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटना के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने एक्सप्रेस-वे के स्वतंत्र ऑडिट की भी मांग की।

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर एक बस के खंभे और डिवाइडर से टकराकर पलट जाने के बाद उसमें आग लगने से 25 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई।

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पटोले ने एक बयान में सरकार पर 54,000 करोड़ रुपये की लागत से ‘‘मौत का राजमार्ग’’ बनाने का आरोप लगाया और कहा कि शिंदे सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जल्दबाजी में और धूमधाम से एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करवाया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस एक्सप्रेस-वे के खुलने के बाद से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसे लेकर कई शिकायतें हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार इस पर ध्यान देती नजर नहीं आ रही है।’’

पटोले ने आरोप लगाया कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी उदासीनता का नतीजा है। उन्होंने मांग की कि शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

पटोले ने दावा किया कि जहां सरकार एक्सप्रेस-वे बनाकर अच्छा काम करने के बारे में ढोल पीटती रहती है, वहीं इसके उद्घाटन के बाद से पिछले छह महीनों में राजमार्ग पर लगभग 300 दुर्घटनाएं हुई हैं और हर दुर्घटना में कम से कम एक व्यक्ति की जान गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘समृद्धि एक्सप्रेस-वे सिर्फ कुछ लोगों के लिए समृद्धि ले आया है और यह मौत का जाल बन गया है। इस एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के लिहाज से बहुत कुछ करने की जरूरत है। त्रुटियों को खत्म करना जरूरी है।’’

पटोले ने कहा, ‘‘ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से तभी बचा जा सकता है, जब सरकार इस सड़क का विशेष ऑडिट कराए। लेकिन सरकार केवल प्रचार के माध्यम से श्रेय लेने में खुश है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि समृद्धि एक्सप्रेस-वे के निर्माण में राजमार्गों के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं किया गया।

भाषा आशीष पारुल

पारुल


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