नागपुर, 16 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के नागपुर जिले में शुरू की गई सावंगी नहर संरक्षण परियोजना से क्षेत्र के कृषि, पशुपालन और ग्रामीण जीवन में बड़ा सुधार देखने को मिला है। इस परियोजना से लगभग 400 हेक्टेयर जमीन की उर्वरता में सुधार हुआ है और 200 परिवारों को पीने का पानी तथा सिंचाई के लिए निरंतर जल आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
इस परियोजना की शुरुआत फरवरी 2024 में हुई थी, जो अब पूरी हो चुकी है। इसके तहत 4.11 किलोमीटर लंबे नहर खंड की चौड़ाई और गहराई बढ़ाई गई। इसका असर यह हुआ कि इलाके में भूजल स्तर बढ़ा और किसानों, पशुओं एवं वन्यजीवों के जीवन स्तर में भी सुधार आया।
इस परियोजना की शुरूआत क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से की गई थी। यह परियोजना कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी ‘ऑलकार्गो ग्रुप’ की इकाई ‘आवश्या फाउंडेशन’ ने ‘सद्भावना ग्रामीण विकास संस्था’ और ‘पूर्ति सिंचन समृद्धि कल्याणकारी संस्था’ के सहयोग से शुरू किया था।’
ऑलकार्गो ग्रुप ने एक बयान में कहा कि जल संरक्षण के ‘तमसवाड़ा मॉडल’ को अपनाते हुए, इस परियोजना में नहर की सफाई और पुनरुद्धार पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि अधिकतम जल संग्रहण सुनिश्चित किया जा सके और मिट्टी के कटाव को रोका जा सके।’
ऑलकार्गो ग्रुप ने बयान में कहा, ‘इस परियोजना से 400 हेक्टेयर कृषि भूमि समृद्ध हुई है, 200 परिवारों को पेयजल, पशुओं के लिए पानी तथा खरीफ, रबी फसलों और सब्जियों के लिए सुरक्षित सिंचाई का लाभ मिला है। कुल मिलाकर यह परियोजना 1,200 से अधिक किसानों की कृषि और अन्य गतिविधियों को सीधे तौर पर सहयोग देगी, जबकि 3,000 से अधिक किसानों और उनके परिवारों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगा।’
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