ठाणे, 21 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नवी मुंबई में टाटा कैंसर अस्पताल के पीछे ‘‘अवैध’’ उत्खनन कार्यों पर कड़ा रुख अपनाते हुए शीर्ष अधिकारियों को पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी की पश्चिमी क्षेत्र पीठ एक कार्यकर्ता द्वारा दायर याचिका और एक अन्य याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एक समाचार रिपोर्ट के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए लिया गया था।
न्यायाधिकरण ने पांच दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि उसने रायगढ़ जिला कलेक्टर और भूविज्ञान एवं खान निदेशालय को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा, ‘हमारे पास इस अधिकरण के रजिस्ट्रार को महाराष्ट्र राज्य के माननीय मुख्य सचिव को पत्र लिखने का निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसमें उनसे अनुरोध किया जाए कि वे रायगढ़ के जिला कलेक्टर और भूविज्ञान एवं खनन निदेशक को अगली तारीख को हमारे समक्ष निश्चित रूप से उपस्थित होने का निर्देश जारी करें।’’
आरटीआई के निष्कर्षों से पता चलता है कि प्रमुख कैंसर अस्पताल के पीछे अवैध उत्खनन किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरा उत्पन्न करता है।
एनजीटी ने चेतावनी दी कि यदि संबंधित अधिकारी न्यायिक निर्देशों की अनदेखी करते रहे तो उसे ‘‘व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश देने के लिए विवश होना पड़ेगा।’’
अब मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है कि कलेक्टर और खनन अधिकारी 12 फरवरी, 2026 को होने वाली अगली सुनवाई तक अपना जवाब दाखिल करें।
भाषा अमित रंजन
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