रोहित वेमुला की आत्महत्या का 'राजनीतिकरण' करने के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए: सीतारमण |

रोहित वेमुला की आत्महत्या का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए: सीतारमण

रोहित वेमुला की आत्महत्या का 'राजनीतिकरण' करने के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए: सीतारमण

:   Modified Date:  May 4, 2024 / 10:19 PM IST, Published Date : May 4, 2024/10:19 pm IST

पुणे, चार मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मांग की कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रोहित वेमुला की आत्महत्या का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनकी ही पार्टी द्वारा शासित तेलंगाना की पुलिस ने अब कहा है कि यह ”दलित मुद्दा” नहीं था।

तेलंगाना पुलिस ने वेमुला की मौत के मामले में एक स्थानीय अदालत के समक्ष एक ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि वह दलित नहीं था और 2016 में उसने इस डर की वजह से आत्महत्या कर ली कि कहीं उसकी “वास्तविक जाति” के बारे में सबको पता न चल जाए। वर्ष 2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी।

‘क्लोजर रिपोर्ट’ पर रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों द्वारा व्यक्त किए गए संदेह को देखते हुए तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता पहले ही मामले की विस्तृत जांच की घोषणा कर चुके हैं।

सीतारमण ने पुणे में चुनिंदा संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस रिपोर्ट कांग्रेस शासित राज्य में दर्ज की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि वेमुला के पास एससी (अनुसूचित जाति) का गलत प्रमाण पत्र था, और वह एससी नहीं थे। लेकिन, जब वेमुला का परिवार शोक मना रहा था, तो इस मुद्दे को लेकर देश भर में प्रदर्शित किया गया। कांग्रेस ने वेमुला के परिवार को जनता के बीच घसीटकर मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। उस समय राहुल गांधी द्वारा संसद में दिए गए बयानों को देखिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि वेमुला पर दबाव डाला गया था। ’’

भारतीय जनता पार्टी की नेता ने कहा कि राहुल गांधी को उस समय लोकसभा में दिए गए अपने भाषणों को सुनना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।

सीतारमण ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ राहुल को दलित समुदाय का दुरुपयोग करने के लिए एससी समुदाय से भी माफी मांगनी चाहिए। यह कोई दलित मुद्दा नहीं था, लेकिन (राहुल गांधी) ने इसे दलित मुद्दा जैसा बना दिया। अब वह ‘मोहब्बत की दुकान’ चला रहे हैं, लेकिन तब वह ‘जहरीली दुकान’ चला रहे थे और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। ’’

भाषा रवि कांत दिलीप

दिलीप

 

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