महाराष्ट्र में बारिश एक आपदा, सरकार से निर्णायक कार्य की अपेक्षा: शरद पवार

महाराष्ट्र में बारिश एक आपदा, सरकार से निर्णायक कार्य की अपेक्षा: शरद पवार

महाराष्ट्र में बारिश एक आपदा, सरकार से निर्णायक कार्य की अपेक्षा: शरद पवार
Modified Date: September 26, 2025 / 05:48 pm IST
Published Date: September 26, 2025 5:48 pm IST

मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में भारी बारिश से हुए व्यापक नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस आपदा ने किसानों को तबाह कर दिया और ग्रामीण जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

उन्होंने राज्य सरकार से राहत एवं पुनर्वास प्रयासों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इस आपदा ने न केवल फसलों को नष्ट किया बल्कि बड़े पैमाने पर जानवरों की भी मौत हुई है, जिससे कृषक समुदाय गंभीर संकट में है।

 ⁠

उन्होंने कहा, “इस प्राकृतिक आपदा का असर केवल किसानों तक ही सीमित नहीं है। छोटे व बड़े व्यवसाय, कारीगर, खेतिहर मजदूर और गांवों में पारंपरिक बलूतेदार और पिछड़े समुदायों के सदस्य भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।”

पवार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डालते हुए ईंधन व आवश्यक खाद्य आपूर्ति की भारी कमी की ओर इशारा किया और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को तत्काल सक्रिय व सुदृढ़ करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, “बीमारियों के फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है और स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी देरी के उपलब्ध कराई जानी चाहिए। शिक्षा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में मंत्रियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लगातार दौरों की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि इस तरह के दौरों ने प्रशासन का ध्यान नुकसान का आकलन करने और राहत उपायों को लागू करने के बजाय प्रोटोकॉल संबंधी दायित्वों को पूरा करने पर केंद्रित कर दिया है।

पवार ने चेतावनी देते हुए कहा, “इन यात्राओं के कारण आकलन में देरी हो रही है, जिसके कारण राहत कार्य धीमा हो रहा है।”

मराठवाड़ा क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में हाल ही में मूसलाधार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण तबाह हुई फसलों का आकलन करने का काम जारी है।

इन हिस्सों में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, लातूर, परभणी, नांदेड़, हिंगोली, बीड और धाराशिव जिले शामिल हैं।

इस मानसून में अब तक इन आठ जिलों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 86 लोगों की मौत हो चुकी है।

भाषा जितेंद्र मनीषा

मनीषा


लेखक के बारे में