महायुति सरकार महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को कर रही है कमजोर: शरद पवार

महायुति सरकार महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को कर रही है कमजोर: शरद पवार

महायुति सरकार महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को कर रही है कमजोर: शरद पवार
Modified Date: September 14, 2025 / 09:39 pm IST
Published Date: September 14, 2025 9:39 pm IST

नासिक, 14 सितंबर (भाषा) हैदराबाद राजपत्र पर सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को लेकर उठे विवाद के मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच संघर्ष में बदलने के खतरे के बीच राकांपा (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को महायुति सरकार पर महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने का आरोप लगाया।

पार्टी की एक बैठक में अपने संबोधन में पवार ने दावा किया कि राज्य सरकार सामाजिक विभाजन को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उसका मुकाबला करने का आह्वान किया।

इन वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कई ओबीसी, आदिवासी और बंजारा समुदाय के संगठन विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं तथा मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार कार्यकर्ता मनोज जरांगे के आंदोलन के मद्देनजर जारी मराठा आरक्षण जीआर को वापस ले।

 ⁠

संगठनों ने दलील दी है कि मराठा समुदाय के सदस्यों को ओबीसी आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की अनुमति देने के सिलसिले में हैदराबाद राजपत्र के कार्यान्वयन से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।

पवार ने कहा कि राजपत्र में वीजेएनटी और बंजारा समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है और वे भी आरक्षण की इसी तरह की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण और ओबीसी के लिए बनी मंत्रिमंडलीय उप-समितियों में केवल इन्हीं दोनों समुदायों के मंत्री शामिल हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘पहले कभी भी जाति और समुदाय के आधार पर कोई सरकारी समिति गठित नहीं की गई।’’

पवार ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार मुद्दों को सुलझाना नहीं चाहती। वह सामाजिक ताने-बाने को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। हमें इसका विरोध करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा न हो, भले ही इसके लिए हमें राजनीतिक कीमत चुकानी पड़े। सामाजिक सद्भाव और एकता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।’’

इससे पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए, राकांपा (एसपी) प्रमुख ने अपने और जरांगे या मराठा आरक्षण के लिए उनके आंदोलन के बीच किसी संबंध के आरोपों को खारिज कर दिया।

पवार ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र एक ऐसा क्षेत्र है जो सामाजिक एकता का सम्मान करता है और यह इस राज्य की विशेषता है। लेकिन ऐसा लगता है कि अब इस एकता को झटका लग रहा है। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि दोनों समुदायों के बीच कोई मतभेद या कटुता न रहे।’’

ओबीसी नेता और राज्य के मंत्री छगन भुजबल के कुछ बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा कि समुदायों में दरार बढ़ाने वाले बयान सही नहीं हैं।

राज्य के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने के पवार के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि पवार साहब किस लिए प्रसिद्ध हैं। जब वह ‘एक्स’ कहते हैं, तो इसे ‘वाई’ समझें और वह इसके लिए प्रसिद्ध हैं। वह एक बड़े नेता हैं, मैं उनके बारे में और क्या कह सकता हूं?’’

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश


लेखक के बारे में