शिंदे-भाजपा सरकार ने मराठों को गुमराह किया : पटोले ने जरांगे के मुंबई मार्च पर कहा

शिंदे-भाजपा सरकार ने मराठों को गुमराह किया : पटोले ने जरांगे के मुंबई मार्च पर कहा

शिंदे-भाजपा सरकार ने मराठों को गुमराह किया : पटोले ने जरांगे के मुंबई मार्च पर कहा
Modified Date: January 25, 2024 / 06:52 pm IST
Published Date: January 25, 2024 6:52 pm IST

मुंबई, 25 जनवरी (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व वाले आंदोलन के संदर्भ में बृहस्पतिवार को कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार ने आरक्षण पर मराठों को गुमराह किया और यही कारण है कि समुदाय के सदस्य मुंबई मार्च कर रहे हैं।

जरांगे जालना से मुंबई तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं और मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दिये जाने एवं उनके लिए राज्य सरकार द्वारा कोटा की घोषणा किये जाने तक आंदोलन को महानगर में जारी रखने की योजना है।

कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में सूचीबद्ध हैं।

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पटोले ने पूछा, ‘‘मराठा समुदाय का मुंबई आना शिंदे-भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। शिंदे-फडणवीस-अजित पवार सरकार ने मराठा समुदाय को गुमराह किया। जरांगे के साथ चर्चा करने वाले दोनों मंत्री कहां छिपे हुए हैं।’’

राज्य सरकार ने जरांगे के साथ वार्ता की थी और कहा था कि यह मराठा समुदाय को आरक्षण देगी लेकिन कुछ नहीं हुआ।

पटोले ने कहा कि जब जरांगे ने हजारों समर्थकों के साथ मुंबई मार्च शुरू किया है तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया।

उन्होंने दावा किया कि राज्य के दो मंत्री जरांगे से निरंतर संपर्क में थे लेकिन वे कहीं नहीं दिख रहे हैं, और समुदाय के लिए कोटा की समय सीमा तय किये जाने के बावजूद कोई चर्चा नहीं हुई और ना ही कोई निर्णय लिया गया।

पटोले ने कहा, ‘‘शिंदे सरकार मराठों को केवल तारीख दे रही है जो समुदाय का घोर अपमान है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सत्ता में आने पर एक महीने के अंदर वह समुदाय को आरक्षण देंगे।’’

पटोले ने कहा कि शिंदे सरकार जून 2022 से सत्ता में है लेकिन मराठा आरक्षण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘अब फडणवीस और भाजपा चुप क्यों हैं? भाजपा कोटा विरोधी है और किसी सामाजिक समूह को आरक्षण नहीं देगी। आरक्षण के मुद्दे पर, भाजपा सरकार ने राज्य में मराठा समुदाय और ओबीसी के बीच दरार पैदा कर पाप किया है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा हटाना और जातिवार गणना ही आरक्षण के मुद्दे का एकमात्र समाधान है।

भाषा सुभाष माधव

माधव


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