ठाणे, 15 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने 25 वर्षीय एक युवक को नाबालिग लड़की का पीछा करने और उस पर हमला करने के आरोप से बरी कर दिया है।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने में असफल रहा।
विशेष न्यायाधीश डी. एस. देशमुख ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की मर्यादा भंग करने के इरादे से हमला या बल प्रयोग), पीछा करने, धमकाने और पोक्सो अधिनियम, 2012 के तहत लगे आरोपों से बरी कर दिया।
यह आदेश चार अप्रैल को पारित हुआ, जिसकी प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई।
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि आरोपी ने अगस्त 2020 से 8 जनवरी 2021 के बीच 15 वर्षीय लड़की का पीछा किया और उसकी मर्यादा भंग की। लेकिन आरोपी के वकील सुधाकर आर. पराड ने अभियोजन के दावे और पुलिस जांच की कमजोरी को अदालत के समक्ष उजागर किया।
न्यायाधीश देशमुख ने अपने फैसले में कहा कि ‘ऐसे मामलों में केवल पुष्टिकारक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’
अदालत में तीन गवाह लड़की, उसके पिता और जांच अधिकारी पेश हुए।
अदालत ने माना कि लड़की नाबालिग थी, लेकिन गवाही में ठोस तथ्य नहीं मिले। लड़की के पिता ने अदालत में यह स्वीकार किया कि उन्होंने गलतफहमी के चलते झूठा बयान दिया था।
वहीं, पीड़िता ने भी कबूल किया कि उसने आरोपी से दोस्ती तोड़ने के लिए शिकायत की थी और बयान दर्ज करवाते समय वह डरी हुई थी।
अदालत ने यह भी कहा कि इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट कर बदनाम करने जैसा कोई पुख्ता सबूत रिकॉर्ड में नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को संदेह से परे सिद्ध नहीं कर सका और उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया।
भाषा राखी नरेश
नरेश
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