ठाणे, दो मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2022 में 13 वर्षीय लड़के के अपहरण व हत्या के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बरी कर दिया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एस. बी. अग्रवाल ने मुंब्रा के निवासी दशरथ प्रकाश काकड़े (30) को अपहरण, हत्या व सबूत नष्ट करने समेत विभिन्न आरोपों से बरी कर दिया।
इस मामले में 28 फरवरी को पारित आदेश की एक प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार काकड़े ने 17 अप्रैल, 2022 को कपड़े खरीदने के बहाने पीड़ित सुरेश उर्फ रूपेश विजय गोले का अपहरण कर लिया था और बाद में ठाणे के दिवा में रेलवे पटरियों के पास एक सार्वजनिक शौचालय में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी।
मुकदमे के दौरान, पीड़ित की मां ने गवाही दी कि काकड़े घटना के दिन अपराह्न तीन बजे के आसपास लड़के को अपने साथ ले गया था। हालांकि, अदालत ने मां के बयान की विश्वसनीयता पर आशंका जताई क्योंकि यह घटना के 11 दिन बाद दर्ज किया गया था।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम का अनुपालन न करने के कारण महत्वपूर्ण साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज को अस्वीकार्य करार दिया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से दी गई एक और मुख्य दलील यह थी कि काकड़े पुलिस को उस स्थान पर ले गया, जहां लड़के का शव पड़ा था। हालांकि, अदालत ने इस दावे की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि शव एक सार्वजनिक शौचालय में मिला था, जहां कई लोग जा सकते हैं।
अदालत ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पुष्टि हुई है कि लड़के की मौत गला घोंटने से हुई है। लेकिन इस घटना का आरोपी से कोई सीधा संबंध नहीं बताया गया है।
अदालत ने कहा कि रक्त और फोरेंसिक विश्लेषण भी उसके खिलाफ कोई निर्णायक सबूत स्थापित करने में विफल रहे।
भाषा जोहेब प्रशांत
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