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Bhopal Metro Inauguration: भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में छह साल के लंबे इंतजार के बाद राजधानीवासियों को मेट्रो की सौगात मिलने जा रही है। भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का लोकार्पण 20 दिसंबर को किया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मौजूद रहेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। 21 दिसंबर से एम्स स्टेशन से सुभाष नगर स्टेशन के बीच मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होगा। यह कॉरिडोर करीब 7 किलोमीटर लंबा है, जिसमें कुल 8 मेट्रो स्टेशन शामिल हैं, जिससे शहर के यातायात को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
Bhopal Metro Inauguration: मेट्रो लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत 20 दिसंबर को शाम 4:15 बजे कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होगी। यहां आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम 4:55 बजे केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर से सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के लिए रवाना होंगे।
कार्यक्रम के अनुसार शाम 5:05 बजे दोनों नेता सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचकर मीडिया से चर्चा करेंगे। इसके बाद शाम 5:10 बजे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेट्रो में सवार होकर सुभाष नगर से एम्स मेट्रो स्टेशन तक सफर करेंगे। शाम 5:30 बजे एम्स मेट्रो स्टेशन पहुंचकर मीडिया से बातचीत की जाएगी और शाम 5:40 बजे दोनों नेता वहां से रवाना होंगे। मेट्रो के शुरू होने से भोपाल के नागरिकों को तेज, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन सुविधा मिलेगी।
Bhopal Metro Inauguration: इसी बीच भोपाल में शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य राज्य) का आयोजन भी किया जा रहा है। इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल होंगे। बैठक में छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री व राज्यमंत्री भाग लेंगे। बैठक के दौरान पांच सत्रों में शहरी विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। क्षेत्रीय बैठक के माध्यम से राज्य-वार और योजना-वार क्रियान्वयन की चुनौतियों की पहचान, कार्यक्रमों को सशक्त बनाने के लिए व्यावहारिक अनुशंसाएं, केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय तथा शहरी प्रशासन और सेवा प्रदायगी में सुधार के लिए ठोस रणनीतिक सुझाव प्राप्त किए जाएंगे।