अदालत ने विद्यालय, महाविद्यालयों के बाहर नशीली दवाओं, सिगरेटों की बिक्री पर स्वतः संज्ञान लिया

अदालत ने विद्यालय, महाविद्यालयों के बाहर नशीली दवाओं, सिगरेटों की बिक्री पर स्वतः संज्ञान लिया

अदालत ने विद्यालय, महाविद्यालयों के बाहर नशीली दवाओं, सिगरेटों की बिक्री पर स्वतः संज्ञान लिया
Modified Date: June 24, 2025 / 05:26 pm IST
Published Date: June 24, 2025 5:26 pm IST

मुंबई, 24 जून (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर सिगरेट और नशीले पदार्थों की बड़े पैमाने पर बिक्री पर समाचार लेखों का स्वतः संज्ञान लिया है तथा छात्रों के ऐसी प्रतिबंधित वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रलोभित होने पर चिंता व्यक्त की है।

न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े की पीठ ने 20 जून को कहा कि उन्हें विद्यालयों और महाविद्यालयों के बाहर मादक पदार्थों, सिगरेट और ई-सिगरेट जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री करने वाले लोगों के बारे में “परेशान करने वाले” समाचार मिले हैं।

अदालत ने कहा कि खबरों के अनुसार, अपराधियों ने ऐसी वस्तुओं से युवा छात्रों को निशाना बनाया।

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उसने कहा, “संवेदनशील उम्र के युवा छात्रों को ऐसी (नशीली) दवाओं और सिगरेटों के सेवन के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे वस्तुतः उनके लत लगने और शारीरिक विनाश का मार्ग खुल जाता है।”

पीठ ने छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में पुलिस को “ईमानदारी” से कार्य करने तथा नागरिकों, विशेषकर युवा छात्रों को ऐसी अवैध गतिविधियों से सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।

अदालत ने सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता पी.आर. कटनेश्वरकर को नियुक्त किया तथा उनसे मामले में उचित जनहित याचिका दायर करने को कहा ताकि प्राधिकारियों को उचित निर्देश जारी किए जा सकें।

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश


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