व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी परिवार के तीन सदस्य बरी

व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी परिवार के तीन सदस्य बरी

व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी परिवार के तीन सदस्य बरी
Modified Date: April 28, 2025 / 12:41 pm IST
Published Date: April 28, 2025 12:41 pm IST

ठाणे (महाराष्ट्र), 28 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने संपत्ति विवाद को लेकर एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी परिवार के तीन सदस्यों को बरी कर दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम. शेटे ने जतिन सुरेंद्र राठौड़ (44), मधुमतिबेन सुरेंद्र राठौड़ (64) और मुकुंद सुरेंद्र राठौड़ (41) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के आरोपों से बरी कर दिया।

आदेश की प्रति 23 अप्रैल को जारी हुई और सोमवार को उपलब्ध कराई गई।

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मामले के विवरण के अनुसार, पीड़ित अरविंदभाई भांजीभाई पंचाल ने छह मार्च, 2016 को मीरा रोड स्थित अपने घर में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी और पांचाल की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपियों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया था तथा उसे परिवार की संपत्ति में हिस्सा देने से इनकार कर दिया था।

मुकदमे के दौरान अदालत ने पाया कि मूल पांच आरोपियों में से दो की मृत्यु हो गई थी जिसके कारण उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी।

अभियोजन पक्ष का मामला काफी कमजोर हो गया था क्योंकि शिकायतकर्ता, उसका बड़ा बेटा और एक महिला रिश्तेदार जांच एवं जिरह के दौरान अभियोजन पक्ष के बयान का समर्थन करने में विफल रहे।

पंचाल के बेटे ने स्वीकार किया कि संपत्ति का मुद्दा उसके पिता की आत्महत्या का कारण नहीं था।

न्यायाधीश शेटे ने अपने फैसले में इस बात पर जोर दिया कि अभियोजन पक्ष उकसावे को साबित करने में विफल रहा। अदालत ने फैसले में कहा कि कोई भी सबूत नहीं मिलने पर आरोपी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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