भाजपा और पवार की पार्टी के दो विधायकों के समर्थकों के लिए दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ की सिफारिश

भाजपा और पवार की पार्टी के दो विधायकों के समर्थकों के लिए दो दिन की 'सिविल कस्टडी' की सिफारिश

भाजपा और पवार की पार्टी के दो विधायकों के समर्थकों के लिए दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ की सिफारिश
Modified Date: December 12, 2025 / 04:53 pm IST
Published Date: December 12, 2025 4:53 pm IST

नागपुर, 12 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने शुक्रवार को प्रतिद्वंद्वी भाजपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायकों के दो समर्थकों के लिए दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ और मानसून सत्र के दौरान हुई झड़प में उनकी संलिप्तता के लिए विधान भवन परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की।

‘सिविल कस्टडी’ का मतलब ऐसी हिरासत से है, जिसमें व्यक्ति को अपराधी की तरह जेल में नहीं डाला जाता, बल्कि उसे नियंत्रित निगरानी या अभिरक्षा में रखा जाता है। इसका उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि अनुशासनात्मक या प्रशासनिक कार्रवाई करना होता है।

समिति ने राज्य विधानसभा के शेष कार्यकाल (2029 तक) के लिए नितिन देशमुख और सरजेराव टकले के मुंबई एवं नागपुर विधानसभा परिसर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की।

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समिति के अध्यक्ष और शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने विधानसभा को बताया कि जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुंबई के विधान भवन परिसर के अंदर हुई हाथापाई के वीडियो क्लिप की जांच के बाद ये सिफारिशें की गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने कार्रवाई को अंतिम रूप देने से पहले तथ्यों और घटनाक्रम की पुष्टि की।’’

निचले सदन में भोंडेकर द्वारा पेश की गई घटना संबंधी रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून सत्र के दौरान विधानसभा लॉबी में राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक देशमुख और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थक टाकले के बीच हाथापाई हुई थी।

राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस समय महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में चल रहा है।

भाषा शुभम सुरेश

सुरेश


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