8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए बैड न्यूज, 8वें वेतन आयोग को लागू होने में लगेंगे इतने साल!

8th Pay Commission update: 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने जा रहा है। इसके पहले के इतिहास पर नजर डाले तो वेतन आयोग की सिफारिशें कभी भी तुरंत लागू नहीं होतीं।

8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए बैड न्यूज, 8वें वेतन आयोग को लागू होने में लगेंगे इतने साल!

8th Pay Commission Update

Modified Date: December 12, 2025 / 04:32 pm IST
Published Date: December 12, 2025 4:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 8वें वेतन आयोग की धीमी रफ्तार
  • 8वां वेतन आयोग आखिर कब लागू होगा?
  • 31 दिसंबर को खत्म होगा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल
  • जानिए क्या कहता है इसका पिछला रिकॉर्ड?

8th Pay Commission update: देश के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी इस समय आठवें वेतनमान की बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आठवें वेतन आयोग की धीमी प्रक्रिया इन सबके लिए चिंता ​का सबब बनी हुई हैं। लोगों के मन में इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है 8वां वेतन आयोग आखिर कब लागू होगा?

आपको बता दें कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने जा रहा है। इसके पहले के इतिहास पर नजर डाले तो वेतन आयोग की सिफारिशें कभी भी तुरंत लागू नहीं होतीं। आमतौर पर 2 से 3 साल का लंबा इंतजार करना ही पड़ता है। वर्तमान हालात भी इसी पैटर्न की ओर संकेत कर रहे हैं।

पिछले तीन आयोग के लागू होने का समय

औसत तौर पर देखें तो 6वें और 7वें आयोग की सिफारिशें लागू होने में करीब दो साल लगे। इसलिए 8वें आयोग से भी यही पैटर्न अपनाए जाने की संभावना है।

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8th Pay Commission update: बता दें कि सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा की थी। लेकिन टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) तैयार करने में सरकार को पूरे 10 महीने लग गए। TOR को 28 अक्टूबर 2025 को मंजूरी मिली। आयोग की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई है, जिन्हे रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा 18 महीने तय की गई है। संभावित रिपोर्ट की तारीख अप्रैल 2027 है। इससे साफ है कि प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में ही है।

कब तक लागू होगा 8वां वेतन आयोग

आपको बता दें कि रिपोर्ट आने का मतलब यह नहीं है कि नया वेतनमान अगले ही दिन लागू हो जाएगा। पिछले आयोगों का रिकॉर्ड बताता है कि रिपोर्ट के बाद भी 6-8 महीने रिव्यू, संशोधन और मंजूरी में निकल जाते हैं। जाहिर है कि या सिफारिशों के लागू होने का संभावित समय 2027 के अंत से 2028 की शुरुआत के बीच का है।

संसद में सरकार भी यह साफ कर चुकी है कि आयोग का गठन हो चुका है, लेकिन इसे कब लागू करना है, इसका फैसला सरकार बाद में करेगी। इस बयान से कर्मचारियों की अनिश्चितता और बढ़ जाती है, क्योंकि यूनियनें उम्मीद कर रही थीं कि नया वेतनमान 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है।

क्यों लग जाते हैं 2–3 साल? पूरी प्रक्रिया समझिए

वेतन आयोग सिर्फ वेतन बढ़ाने की कवायद नहीं है, बल्कि एक विशाल प्रशासनिक और वित्तीय प्रक्रिया है। इसमें कई स्तरों पर गहन अध्ययन होता है। यह 10-स्टेप प्रोसेस सामान्यतः हर आयोग में देखा गया है:

1. आयोग गठन – सरकार नोटिफिकेशन जारी कर अध्ययन शुरू करती है।

2. डेटा कलेक्शन – सभी मंत्रालयों से वेतन, भत्तों और पेंशन का विस्तृत डेटा आता है।

3. कर्मचारियों-यूनियनों से बातचीत – सभी स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव रखते हैं।

4. इंटरनल स्टडी – आयोग नए वेतन संरचना का ड्राफ्ट तैयार करता है।

5. राजकोषीय असर का मूल्यांकन – सरकार आकलन करती है कि कितना खर्च बढ़ेगा।

6. अंतिम रिपोर्ट तैयार करना

7. ECoS द्वारा समीक्षा – सचिवों की उच्चस्तरीय समिति सुधारों की अनुशंसा करती है।

8. मंत्रालयों के बीच समन्वय

9. कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा अंतिम निर्णय

10. कैबिनेट मंजूरी और नोटिफिकेशन

इतना बड़ा प्रभाव 1.19 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों पर इसलिए सरकार हर कदम पर बेहद सावधानी से आगे बढ़ती है।

8वें वेतन आयोग से आखिर उम्मीद क्या रखनी चाहिए?

लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है लेकिन परंपरा के अनुसार सरकार वेतनमान पिछली तारीख से लागू करती है। यानी कर्मचारियों को मिलेगा बकाया (Arrears), महंगाई भत्ता समायोजन, पेंशन में संशोधन कर्मचारियों के लिए इंतजार लंबा जरूर है, लेकिन समयरेखा देखकर साफ है कि 8वां वेतन आयोग ठीक उसी रास्ते पर चल रहा है, जिस पर पहले के आयोग चले थे धीमा, व्यवस्थित और कई चरणों में संपन्न होने वाला।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com