वैष्णवी हगवणे आत्महत्या: सरकारी समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की

वैष्णवी हगवणे आत्महत्या: सरकारी समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की

वैष्णवी हगवणे आत्महत्या: सरकारी समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की
Modified Date: July 18, 2025 / 07:44 pm IST
Published Date: July 18, 2025 7:44 pm IST

मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार की महिला एवं बाल अधिकार तथा कल्याण समिति ने कहा है कि वैष्णवी हगवणे की मौत को घरेलू हिंसा और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला माना जाना चाहिए। समिति ने यह भी कहा कि वह परिवार में जबरन वसूली और दुर्व्यवहार का शिकार थी।

समिति ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित करने की भी सिफारिश की, जिनका नाम इस मामले में सामने आया था।

वैष्णवी हगवणे (26) ने 16 मई को पुणे जिले के पिंपरी चिंचवाड़ के बावधन इलाके में अपने ससुराल में आत्महत्या कर ली थी।

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उसके बाद मृतका के माता-पिता ने कहा था कि हगवणे को दहेज के लिए परेशान किया जा रहा था और उसे यातनाएं दी जा रही थीं।

इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश देखने को मिला था, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति, ससुर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक नेता (जिन्हें बाद में पार्टी से निकाल दिया गया) और अन्य को गिरफ्तार किया गया था।

महाराष्ट्र विधानसभा में शुक्रवार को पेश विस्तृत रिपोर्ट में भाजपा विधायक मोनिका राजले की अध्यक्षता वाली महिला एवं बाल अधिकार तथा कल्याण समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जलिंदर सुपेकर को निलंबित करने की सिफारिश की जो कथित तौर पर हगवणे परिवार के करीबी हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपेकर ने मामले को लेकर जारी पुलिस जांच को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हगवणे परिवार ने पीड़िता के माता-पिता से दहेज के रूप में वाहन, सोना, चांदी के बर्तन और नकदी लिये थे।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश


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