कोल्हापुर में पंचगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दो हजार से अधिक लोग स्थानांतरित

कोल्हापुर में पंचगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दो हजार से अधिक लोग स्थानांतरित

कोल्हापुर में पंचगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दो हजार से अधिक लोग स्थानांतरित
Modified Date: July 26, 2024 / 03:41 pm IST
Published Date: July 26, 2024 3:41 pm IST

कोल्हापुर/सांगली, 26 जुलाई (भाषा) पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण 2,000 से अधिक लोगों को जलमग्न क्षेत्रों से स्थानांतरित किया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कोल्हापुर जिला प्रशासन के अनुसार, शुक्रवार दोपहर राजाराम वियर में पंचगंगा नदी का जलस्तर 45.2 फुट था, जो खतरे के निशान 43 फुट से काफी ऊपर है।

कोल्हापुर के जिलाधिकारी अमोल येडगे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जिला प्रशासन ने शहर के सुतारवाडा और कुंभारवाडा के प्रभावित इलाकों से लोगों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने करवीर तहसील के चिखली और अंबेवाडी और हाटकलंगने, शिरोल और इचलकरंगी तहसीलों के कुछ गांवों से लोगों को स्थानांतरित किया है।

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येडगे ने कहा, ‘अब तक जिले में 2,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित करके आश्रय गृहों में रखा गया है।’

उन्होंने कहा कि हालांकि भारत मौसम विभाग ने जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, लेकिन शहर में बारिश रुक गई है।

जिला प्रशासन के अनुसार, राधानगरी बांध के छह गेट खोले गए हैं और प्रवाह 10068 क्यूसेक है।

जिले में कम से कम 11 राज्य राजमार्ग और 37 मुख्य सड़कें बाढ़ के कारण वाहनों के आवागमन के लिए बंद हैं और 96 बैराज जलमग्न हैं।

एक अधिकारी ने बताया सांगली में, कृष्णा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिसके कारण जेल प्रशासन को एहतियात के तौर पर 80 कैदियों को कोल्हापुर स्थानांतरित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोयना बांध 77 प्रतिशत क्षमता तक पहुंच गया है और प्रवाह 30,000 क्यूसेक है।

अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल, इरविन पुल पर कृष्णा नदी का जलस्तर 37.5 फुट है और कोयना से पानी छोड़े जाने के कारण इसके 40 फुट से ऊपर जाने की संभावना है। हम लोगों से सतर्क और सावधान रहने और जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हैं।’

उन्होंने कहा कि वार्ना बांध अपनी क्षमता के 89 प्रतिशत तक पहुंच गया है और प्रवाह 15000 क्यूसेक है। उन्होंने कहा कि वार्ना नदी के किनारे रहने वाले लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने को कहा गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘हमने एनडीआरएफ के अतिरिक्त दलों के लिए कहा है और यदि आवश्यक हुआ, तो हम सेना की मदद लेंगे।’

सांगली जेल के एक अधिकारी ने कहा कि जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए एहतियात के तौर पर 80 कैदियों को कोल्हापुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


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