महिला चिकित्सक ने ‘खुदकुशी’ की, हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में पुलिसकर्मी पर दुष्कर्म का आरोप
महिला चिकित्सक ने ‘खुदकुशी’ की, हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में पुलिसकर्मी पर दुष्कर्म का आरोप
सातारा, 24 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के सातारा जिले में एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला चिकित्सक ने अपनी हथेली पर एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा है, जिसमें उसने एक पुलिसकर्मी पर बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना का संज्ञान लेते हुए सातारा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोशी से फोन पर बात की और ‘सुसाइड नोट’ में जिस पुलिस उपनिरीक्षक का जिक्र किया गया है, उसे तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बीड जिले से ताल्लुक रखने वाली 28 वर्षीय महिला चिकित्सक फलटण तहसील के एक सरकारी अस्पताल में काम करती थी। उन्होंने बताया कि महिला चिकित्सक का शव बृहस्पतिवार देर रात फलटण में एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला।
पुलिस के अनुसार, महिला चिकित्सक ने अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में आरोप लगाया है कि पिछले पांच महीनों में सातारा के एक पुलिस उपनिरीक्षक ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि एक अन्य व्यक्ति उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में महिला चिकित्सक ने लिखा है कि उपनिरीक्षक गोपाल बदाने ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
इसने कहा कि बदाने और बांकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि महिला चिकित्सक ने ‘सुसाइड नोट’ में लिखा है, ‘‘बदाने ने मेरे साथ चार बार बलात्कार किया। उसने पांच महीने से ज्यादा समय तक मेरा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया।’’
एसपी दोशी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि फलटण शहर पुलिस थाने में एक उपनिरीक्षक सहित दो लोगों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीम गठित की गई हैं।
दोशी ने बताया कि महिला चिकित्सक ने फलटण के एसडीपीओ (उप-विभागीय पुलिस अधिकारी) को कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत सौंपी थी। उन्होंने बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए बताया कि पुलिस ने अस्पताल प्रशासन के समक्ष महिला चिकित्सक के खिलाफ अलग से शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘महिला चिकित्सक ने फलटण के एक होटल में कमरा बुक किया था। हालांकि, जब होटल के कर्मचारियों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया और घंटी बजाई, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। कर्मचारियों को शक हुआ और उन्होंने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला, तो महिला चिकित्सक को फंदे से लटका पाया। हमने आरोपियों का पता लगाने के लिए दो टीम बनाई हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महिला चिकित्सक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हम मृतका की हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में लगाए गए आरोपों की भी जांच कर रहे हैं।’’
कोल्हापुर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुनील फुलारी ने कहा, ‘‘हम अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं। सातारा जिले में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है।’’
महिला चिकित्सक के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि उस पर एक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के तथ्यों को बदलने और कुछ मामलों में गिरफ्तार उन आरोपियों की मेडिकल जांच रिपोर्ट में संशोधन करने का दबाव बनाया जा रहा था, जिन्हें जांच के लिए उस अस्पताल में लाया जाता था, जहां वह काम करती थी।
पुलिस के मुताबिक, महिला चिकित्सक ने ‘आत्महत्या’ से पहले आरोपी प्रशांत बांकर को फोन किया था, जो पुणे में रहता है और दोनों के बीच संदेशों का भी आदान-प्रदान हुआ था।
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महिला चिकित्सक फलटण में प्रशांत बांकर के पिता के फ्लैट में किराये पर रहती थी।
महिला चिकित्सक की आत्महत्या को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन पर निशाना साधा। वहीं, राज्य के मंत्रियों ने कहा कि पुलिस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करेगी।
महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने महिला चिकित्सक की आत्महत्या को एक गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री फडणवीस को पत्र लिखकर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।’’
गोरे ने कहा, ‘‘सातारा जिले से ताल्लुक रखने वाले पर्यावरण मंत्री शंभूराज देसाई ने भरोसा दिलाया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।’’
स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर ने कहा कि उन्होंने सातारा के सिविल सर्जन से बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि महिला चिकित्सक ने कभी किसी तरह के उत्पीड़न की शिकायत नहीं की।
वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने महिला चिकित्सक की ‘आत्महत्या’ को एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को उजागर करती है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।’’
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर ने कहा, ‘‘हमने मामले का संज्ञान लिया है और सातारा पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।’’
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि महिला चिकित्सक से जुड़े मामले में कोई ‘‘मीडिया ट्रायल’’ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, इस मामले की विस्तृत फॉरेंसिक जांच सहित गहन जांच सुनिश्चित करेंगे।’’
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने महिला चिकित्सक की ‘आत्महत्या’ से जुड़े मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन की मांग की।
महिला चिकित्सक की एक रिश्तेदार ने कहा, ‘‘वह एक मेधावी और महत्वाकांक्षी युवती थी। हमने बचपन से ही उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभाली और उसकी शिक्षा का खर्च उठाया। वह कार्यस्थल पर दबाव में थी और इसीलिए उसने यह कठोर कदम उठाया। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।’’
वहीं, एक अन्य रिश्तेदार ने दावा किया, ‘‘दो दिन पहले ही उसने बताया था कि कार्यस्थल पर कुछ वरिष्ठ कर्मी उसे परेशान कर रहे हैं।’’
भाषा पारुल नेत्रपाल
नेत्रपाल

Facebook



