Shardiya Navratri 2025 Day 5: कल भी थी चतुर्थी, आज भी मनाई जा रही चतुर्थी, ब्रह्मांड की रचयिता मानी जाने वाली माता रानी की करनी होगी आराधना…
शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति के साथ हो चुका है। इस वर्ष नवरात्रि विशेष रूप से 10 दिनों की मानी जा रही है क्योंकि चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण यह दो दिन तक मान्य है।
shardiya navratri day 5 2025/ IBC24
- मां कूष्मांडा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है
- मां कूष्मांडा को हरा रंग अत्यंत प्रिय है।
- वृषभ और तुला राशि के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ है।
Shardiya Navratri 2025 Day 5: शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति के साथ हो चुका है। इस वर्ष नवरात्रि विशेष रूप से 10 दिनों की मानी जा रही है क्योंकि चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण यह दो दिन तक मान्य है। ऐसे में मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा 26 सितंबर 2025, शुक्रवार को भी की जा सकेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा ब्रह्मांड की रचयिता मानी जाती हैं। उन्होंने अपनी मधुर मुस्कान से इस सृष्टि की उत्पत्ति की और संसार को जीवन प्रदान किया।
माता की पूजा करने से सारे दुख खत्म
Shardiya Navratri 2025 Day 5: मां कूष्मांडा की आराधना से जीवन में धन, बल, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा से सभी रोग, शोक और दुख समाप्त हो जाते हैं। मां के उपासक को आत्मबल, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। चतुर्थी तिथि को मां की पूजा करना सभी 12 राशियों के लिए शुभ होता है, लेकिन विशेष रूप से यह दिन वृषभ (Taurus) और तुला (Libra) राशि वालों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।
मां कूष्मांडा को हरा रंग अत्यंत प्रिय
मां कूष्मांडा को हरा रंग अत्यंत प्रिय है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना, हरे पुष्पों से मां का पूजन करना और हरे रंग का भोग अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है। यह रंग जीवन में संतुलन, उन्नति और ताजगी का प्रतीक है और मां की कृपा को आकर्षित करता है।
Shardiya Navratri 2025 Day 5: पुराणों में वर्णित है कि मां कूष्मांडा के उदर में सम्पूर्ण ब्रह्मांड निवास करता है। उन्हें तीन प्रकार के तापों – दैहिक (शारीरिक), दैविक (दैव संबंधी) और भौतिक (संसारिक कष्ट) से मुक्ति दिलाने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी आराधना से साधक को इन सभी तापों से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में शांति, स्थिरता और सकारात्मकता आती है।
बता दें कि, 2025 में महानवमी का पर्व 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जबकि विजयादशमी (दशहरा) 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नवरात्रि का यह विशेष समय साधना, उपासना और आत्मचिंतन के लिए उत्तम माना गया है। इस अवसर पर मां कूष्मांडा की पूजा करके व्यक्ति अपने जीवन में स्थायी सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकता है।

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