Beti Bachao Beti Padhao Scheme: बेटियों की किस्मत बदल रही पीएम मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना, जानें क्यों खास है ये स्कीम
बेटियों की किस्मत बदल रही पीएम मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना, जानें क्यों खास है ये स्कीम know why this scheme is special
PM Modi's 'Beti Bachao, Beti Padhao scheme'
Beti Bachao Beti Padhao Scheme: नई दिल्ली। भारत में लिंगानुपात (प्रति हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या) हमेशा से ही गंभीर समस्या रही है। इसका मुख्य कारण यह है, समाज में लड़कियों को उस नजर से नहीं देखा जाता है, जिस नजर से लड़कों को देखा जाता है। कई बार लड़कियों को गर्भ में ही समाप्त करने की भी घटनाएं होती रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में बाल लिंगानुपात (918/1000) अब तक का सबसे कम रहा है। दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इन राज्यों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में वयस्कों पर सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को लेकर सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि सरकार के इस अभियान ने लड़कियों की शिक्षा में बड़ा योगदान दिया है।
योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने योजना को लॉन्च करते समय कहा कि आइये हम सभी कन्या का उत्सव मनाते है। हमें बेटियों पर भी बेटो की ही तरह गर्व करना चाहिए। में देश के सभी नागरिको से अनुरोध करता हूँ कि बेटी के जन्म दिवस (जन्मोत्सव) में 5 पेड़ो को लगाए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जयानगर गॉव को गोद लिया है। पानीपत के इसी गांव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना की शुरुआत की थी। सरकार द्वारा बेटियों के प्रति समाज में जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा जगह जगहबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पोस्टर लगवाए गए।
बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ को 3 समूह में बांटा गया
Beti Bachao Beti Padhao Scheme: सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) को तीन समूह में बांटकर लागू किया गया है।
प्रथम स्तर पर माता पिता – प्रथम समूह में स्कूल के माध्यम से माता पिता को शामिल किया गया है।
दूसरे स्तर में डॉक्टर, नर्सिंग, हॉस्पिटल व ससुराल वालों को शामिल किया गया है।
जबकि तीसरे स्तर में इसके प्रचार व प्रसार को मुख्य रूप से रखा गया है। जिनमे अधिकारी, राजनितिक कार्यकर्त्ता, सेल्प हेल्प ग्रुप, मीडिया, एनजीओ आदि को शामिल किया गया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्य
– सरकार द्वारा समाज में केवल जागरूकता फ़ैलाने के लिए शुरू की गयी एक योजना है। जिसके अंतर्गत सीधे तौर पर आर्थिक लाभ नहीं मिलता है।
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में सरकार द्वारा लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव वाले रवैये को समाप्त करना है।
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में सरकार द्वारा बेटियों के जन्मोत्सव में 5 पौधों का बृक्षारोपण के लिए बढ़ावा दिया जाना है।
– बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना है। जिससे कोई भी बेटी निरक्षर न रह जाए।
– समाज में बेटियों को जिम्मेदार बनाकर उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराना है।
– बेटियों के प्रति समाज में होने वाले लैंगिक भेद को समाप्त करना है।
– बालिकाओं के होने वाले शोषण से बचाना व सही गलत का ज्ञान कराना।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत शुरू की गयी योजनाएं
Beti Bachao Beti Padhao Scheme: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सीधा सम्बन्ध किसी पैसे या अन्य जमा से नहीं है। इसमें सरकार का मुख्य उदेश्य समाज में लड़कियों के प्रति जागरूकता जागृत करना है। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अन्य योजनाओ को के तहत लाया गया है जिनके द्वारा बेटियों के भविष्य को लेकर कुछ सेविंग के लिए प्रेरित (Motivate) हो। ऐसी ही कुछ प्रमुख योजनाएँ निम्न है।
सरकार चाहती है, कि बेटी जब जन्म लेती है, उसके माता पिता उसी समय से कुछ न कुछ बेटी के नाम से जमा करें। जो उनके भविष्य में पढाई या शादी के लिए काम आएंगे। तभी सकरार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को ध्यान में रखते हुए, कहीं योजनाए लायी है। जिसमे यदि माता पिता बेटी के भविष्य के लिए कुछ सेविंग करते है, तो उन्हें अच्छा रिटर्न (समय अवधि पूरी होने पर मिलने वाला पैसा) मिलें।
इन योजनाओं में सुकन्या समृद्धि, लाड़ली लक्ष्मी योजना, बालिका समृद्धि योजना, व धनलक्ष्मी योजना आदि प्रमुख है। इन सभी योजनाओं में से सुकन्या समृद्धि योजना को सरकार द्वारा BBBP योजना को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। इसके तहत 0 से 10 वर्ष तक की लड़की का इसमें खाता खुलवावा जाता है। कुल 14 वर्ष तक मासिक या सालाना पैसा जमा किया जाता है। सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकते है।
स्वास्थ्य-
ANC पंजीकरण: पहली तिमाही में प्रसव पूर्व देखभाल पंजीकरण में सुधार का रुझान वर्ष 2014-15 के 61% से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 71% देखा गया है। संस्थागत प्रसव में सुधार का प्रतिशत वर्ष 2014-15 के 87% से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 94% तक पहुँच गया है।
शिक्षा –
सकल नामांकन अनुपात: शिक्षा के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली के अंतिम आंँकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में बालिकाओं के सकल नामांकन अनुपात में 77.45 (वर्ष 2014-15) से 81.32 (वर्ष 2018-19) तक सुधार हुआ है।
लड़कियों के लिये शौचालय: लड़कियों के लिये अलग शौचालय वाले स्कूलों का प्रतिशत वर्ष 2014-15 में 92.1% से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 95.1% हो गया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना हेतु आवेदन ?
Beti Bachao Beti Padhao Scheme: यदि आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवेदन करना चाहते है, तो आप नीचे दिए प्रोसेस को फॉलो करके इसका लाभ उठा सकते है।
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का लाभ लेने के लिए आप सबसे पहले भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
– होम पेज पर आने के बाद आप वूमेन एम्पावरमेंट स्कीम विकल्प पर क्लिक करें।
– वूमेन एम्पावरमेंट स्कीम विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज आ जायेगा।
– नए पेज पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से संबधित सभी नए अभियान व योजनाओं के बारे में आपको विस्तार से जानकारी मिल जाएगी।
– यहां आपको सम्पूर्ण विज्ञापन मिल जायेगा। विज्ञापन हिंदी व इंग्लिश दोनों भाषाओँ में उपलब्ध करवाया है। आप इसका सम्पूर्ण अध्यन करके योजना का लाभ उठा सकते है।

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