राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय बजाए जाएंगे राज्यों के 25 प्रमुख वाद्ययंत्र, छत्तीसगढ़ का तम्बूरा, मध्यप्रदेश का संतूर भी शामिल

ram mandir pran pratishtha music instrument :

  •  
  • Publish Date - January 15, 2024 / 04:36 PM IST,
    Updated On - January 15, 2024 / 04:45 PM IST

ram mandir pran pratishtha: अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामन्त्री चम्पत राय जी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि आगामी पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी विक्रम संवत 2080 तदनुसार 22 जनवरी, 2024 सोमवार को भगवान श्री रामलला के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का पवित्र योग आ गया है। समस्त शास्त्रीय विधि का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मध्याह अभिजीत मुहूर्त में होगा। प्राण-प्रतिष्ठा की विधि दिनांक 16 जनवरी से प्रारम्भ होकर 21 जनवरी तक चलेगी।

हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है। इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह श्रीअवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहाँ के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहाँ श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के पच्चीस प्रमुख और दुर्लभ वादय यन्त्रों के मंगल वादन से अयोध्या में ये प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा। इसे उन वाद‌यों के दक्ष कलाकार प्रस्तुत करेंगे।

read more : अफगानिस्तान में करीब एक लाख बच्चों को मदद की सख्त जरूरत : यूनीसेफ

इन राज्यों और उनके प्रमुख बाद‌यों के नाम इस प्रकार हैं —

उत्तर प्रदेश-पखावज, बांसुरी और ढोलक
कर्नाटक-वौणा
महाराष्ट्र-सुन्दरी
पंजाब-अलगोजा
उड़ीसा-मर्दल
मध्य प्रदेश-सन्तूर
मणिपुर-पुग
असम-नगाड़ा, काली
छत्तीसगढ़— तम्बूरा
बिहार-पखावज
दिल्ली-शहनाई
राजस्थान-रावणहत्या
पश्चिम बंगाल-श्रौखोल, सरोद
आन्ध्र प्रदेश-घटम
गुजरात-सन्तार
तमिलनाडु-नागस्वरम्, तविल और मृदंगम्
झारखण्ड— सितार
उत्तराखण्ड-हुडका

इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और संयोजक यतीन्द्र मिश्र है, जो प्रख्यात लेखक, अयोध्या संस्कृति के जानकार और कलाविद है। इस कार्य में उनका सहयोग केन्द्रीय संगीत नाटक अकादेमी, नयी दिल्ली ने किया है।

अनुष्ठान में होंगे 121 आचार्य

16 जनवरी को प्रायश्चित एवं कर्म कुटी पूजन, 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश, 18 जनवरी सायंकाल तीर्थ पूजन एवं जल यात्रा, जलाधिवास एवं गंधाधिवास, 19 जनवरी प्रातः औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास सायंकाल धान्याधिवास, 20 जनवरी प्रातः शर्कराधिवास, फलाधिवास, एवं सायकाल पुष्पाधिवास 21 जनवरी प्रातः मध्याधिवास, सायंकाल शय्याधिवास, इस प्रकार द्वादश अधिवास होंगे, सामान्यतया प्राण-प्रतिष्ठा में सप्त अधिवास होते हैं। न्यूनतम तीन अधिवास चलन में हैं। अनुष्ठान में 121 आचार्य होंगे। इस अनुष्ठान के संयोजक श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री द्राविड एवं प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी के होंगे, प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पूज्य मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री पूज्य योगी आदित्यनाथ, सहित अन्य विशिष्टजनों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न होगा।

read more : Ram Mandir News: महिलाएं कराएंगी अयोध्या में देव दर्शन.. खास तरह के सवारी वाहन तैयार, आप भी देख ले तैयारी

150 से अधिक परम्पराओं के सन्त होंगे शामिल

श्री राम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए देश की सभी आध्यात्मिक धार्मिक मत, पंथ, संप्रदाय, उपासना पद्धतियों के सभी अखाड़ों के आचार्य, सभी परपराओं के आचार्य, सभी सम्प्रदायों के आचार्य, 150 से अधिक परम्पराओं के सन्त, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्री महंत, महंत, नागा साथ ही 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी जनजाती परंपराओं की उपस्थिति भारत वर्ष के निकटवर्ती इतिहास में पहली बार हो रही है। यह अपने आप में विशिष्ट होगा।

सम्मिलित होने वाली परंपराओं में शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपत्य, पत्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, मद्धव, विष्णु नामी, रामसनेही, घीसा पथ, गरीबदासी, गौडीया, कबीरपंथी, वाल्मीकि, असम से शकरदेव, माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूलचंद, ठाकुर परंपरा, उड़ीसा का महिमा समाज, पंजाब से अकाली, निरंकारी, नामधारी, राधास्वामी तथा स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव आदि है। गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद सभी साक्षीगण क्रमशः दर्शन करेंगे।

read more : Pendra News: पुलिस की बड़ी कार्रवाई, धान का अवैध परिवहन करते वाहन सहित 128 क्विंटल धान किया जब्त

मां जानकी के मायके जनकपुर एवं सीतामढ़ी से आया भार

श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्साह सर्वत्र अनुभव हो रहा है, अयोध्या सहित सम्पूर्ण भारत वर्ष में उत्सव को भव्यता से मानने का संकल्प ले लिया है। इस अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रदेशों के जल, मिट्टी, स्वर्ण, रजत, रत्न, वस्त्र, आभूषण विशाल घंटा, नगाड़ा और भिन्न भिन्न प्रकार की सुगंधि लेकर निरंतर लोग आते ही जा रहें है। जिसमें सार्वाधिक उल्लेखनीय है मां जानकी के मायके जनकपुर एवं सीतामढ़ी से भार (पुत्री के घर निर्माण के समय भेजा जाने वाला उपहार) लेकर बड़ी मात्रा में लोग उपस्थित हुए, साथ ही भगवान की ननिहाल रायपुर दंडकारण्य क्षेत्र से भिन्न-भिन्न प्रकार के आभूषण समर्पित किए है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भारत के सभी बन्धु भगनियों से आह्वान करता है कि 22 को जिस समय अयोध्या में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही हो, उस समय अपने आसपास के मंदिरों की सजावट करें और मंदिर के देवता की उपासना के अनुरूप भजन, पूजन, कीर्ति और आरती आदि करें। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संचार माध्यम से सस्क्रीन लगाकर सामूहिक रूप से देखें, इसके पूर्व आसपास के मंदिरों की स्वच्छता का प्रयास भी करना चाहिए। 22 जनवरी की सायंकाल अपने-अपने घर राम ज्योति से प्रकाशित करें।

“22 की शाम पांच दीपक श्रीरामलला के नाम जय जय श्री राम।”

श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत और ऐतिहासिक अवसर पर प्रातः 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुम की प्रतिष्ठा के लिए ‘मंगल ध्वनि का आयोजन किया जा रहा है।