महानदी से अचानक बाहर आया 500 साल पुराना विष्णू मंदिर, श्रद्धालुओं की लगने लगी भीड़

महानदी से अचानक बाहर आया 500 साल पुराना विष्णू मंदिर, श्रद्धालुओं की लगने लगी भीड़

महानदी से अचानक बाहर आया 500 साल पुराना विष्णू मंदिर, श्रद्धालुओं की लगने लगी भीड़
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: June 13, 2020 8:47 am IST

नई दिल्ली। लगभग 15वीं-16वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया एक मंदिर जो कि लगभग 500 साल पहले एक नदी में आयी भयंकर बाढ़ में डूब गया था अब वह फिर से नजर आने लगा है। जिसके बाद यहां इस मंदिर को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है। जिसके बाद इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की टीम ने आसपास के तमाम इलाके को आम नागरिकों के आने जाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

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ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी नाम की नदी में डूबा हुआ एक प्राचीन मंदिर फिर से दिखने लगा है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज’की पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने इस मंदिर को खोजा है। बताया जा रहा है कि ये प्राचीन विष्णु मंदिर (Vishnu mandir) करीब 500 साल पहले एक भयंकर बाढ़ में 7 गांव के साथ डूब था लेकिन अब ये एक बार फिर से दिखाई देने लगा है। फिलहाल मंदिर का शिखर ही ऊपर से नजर आ रहा है।

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यह मंदिर करीब 60 फीट ऊंचा है। नदी के ऊपर दिख रहे मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर लगता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का है। ये मंदिर सतपताना इलाके में मिला है। यहां कभी सात गांव हुआ करते थे। सातों गांव भगवान गोपीनाथ की पूजा करते थे। उसी समय यह मंदिर बनाया गया था।

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वहीं गांव के लोगों के मुताबिक पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे, जो इस नदीं में डूबे हुए हैं। गांव के लोग बताते हैं कि इस मंदिर का मस्तक 25 साल पहले दिखाई दिया था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद मंदिर पूरा पानी में चला गया था। लेकिन इतने सालों के बाद एक बार फिर भगवान गोपीनाथ देव के मंदिर का मस्तक बाहर की तरफ दिखाई दिया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com