Jagannath Sahasradhara Snan: ओडिशा। पुरी में भगवान जगन्नाथ के सहस्त्र धारा स्नान अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस दौरान भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों से पवित्र जल भरकर स्नान कराया गया। बता दें कि ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं का बहुत प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा से पहले ‘सहस्त्रधारा स्नान’ का विशेष महत्व होता है, जिसके बाद मान्यता के मुताबिक, भक्तगण 14 दिन तक भगवान के दर्शन नहीं कर सकते हैं।
कब करवाया जाता है सहस्त्रधारा स्नान
हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का सहस्त्र धारा स्नान अनुष्ठान किया जाता है, इस दिन को देव स्नान पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है और मंदिर के प्रांगण में विशेष व्यवस्था की जाती हैं। यह पूर्णिमा, सहस्त्र धारा स्नान के लिए ही समर्पित मानी जाती है इसलिए ही इस पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा कहा जाता है।
15 दिन बाद दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं। इस दिन मन्दिर के कपाट खोले जाएंगे। उस दिन मंदिर में नेत्र उत्सव होता है। नेत्र उत्सव को नबाजौबन दर्शन भी कहा जाता है। इस साल नेत्र उत्सव 6 जुलाई 2024 को होगा।
#WATCH ओडिशा: पुरी में भगवान जगन्नाथ के सहस्त्र धारा स्नान अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस दौरान भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों से पवित्र जल भरकर स्नान कराया गया। pic.twitter.com/TC7EEPTw55
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2024
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