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Sakat Chauth 2026 Upay: संतान के उज्जवल भविष्य के लिए, सकट चौथ पर शिवलिंग पर रखें ये चीजें और देखें चमत्कार!
सकट चौथ का व्रत माघ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश, सकट माता और चंद्रमा की पूजा की जाती है। शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करने से संतान की समस्याएं दूर होती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Publish Date - December 21, 2025 / 12:05 PM IST,
Updated On - December 21, 2025 / 12:34 PM IST
(Sakat Chauth 2026 Upay/ Image Credit: Canva)
HIGHLIGHTS
सकट चौथ 2026: 6 जनवरी को मनाया जाएगा।
व्रत संतान के जीवन से बाधाएं और संकट दूर करने के लिए रखा जाता है।
शिवलिंग पर अर्पित करें: दूर्वा, दूध, काले तिल, गन्ने का रस, बिल्व और शमी पत्र।
Sakat Chauth 2026 Upay:सकट चौथ का व्रत हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी, तिहकुटा चौथ और माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और माना जाता है कि व्रत रखने से संतान के जीवन की सभी बाधाएं और संकट दूर होते हैं। महिलाएं इस दिन पूरे विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करती हैं और संतान की भलाई की कामना करती हैं।
व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सकट चौथ 6 जनवरी 2026 को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि प्रारंभ 6 जनवरी 2026, सुबह 08:01 बजे से और चतुर्थी तिथि समाप्त 7 जनवरी 2026 सुबह 06:52 बजे होगा। व्रत चंद्रमा के दर्शन के बाद ही तोड़ा जाता है। 6 जनवरी 2026 को चंद्रमा रात लगभग 9 बजे उदय होगा। भक्त इस समय चंद्रमा देवता को जल, दूध या चावल मिला हुआ पानी अर्पित करते हैं, इसके बाद व्रत समाप्त किया जाता है। ऐसा करने से संतान के जीवन में लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
शिवलिंग पर अर्पित करने योग्य चीजें
सकट चौथ पर शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करने से संतान की समस्याएं दूर होती हैं। इन उपायों से जीवन में बुद्धि, सुरक्षा, करियर और आर्थिक स्थिरता मिलती है।
अर्पित करने के विशेष उपाय
दूर्वा की माला: गणेश या शिवलिंग पर 21 दूर्वा की माला चढ़ाएं। इससे संतान की बुद्धि तेज होती है और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
दूध और काले तिल: कच्चा दूध और काले तिल से शिवलिंग का अभिषेक करें। यह बीमारियों से सुरक्षा और नजर दोष से बचाव करता है।
गन्ने का रस: गन्ने का रस अर्पित करने से संतान के करियर और आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।
बिल्व पत्र और शमी पत्र: शिव को बिल्व पत्र और गणेश को शमी पत्र अर्पित करें (11-11 पत्र)। इससे संतान का गुस्सा कम होता है और सही दिशा में बुद्धि बढ़ती है।
धार्मिक मान्यता
सकट चौथ के दिन चंद्रमा का विशेष महत्व माना जाता है। महिलाएं अपनी संतान की भलाई और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। पंचांग के अनुसार, देवी सकट को अर्पित यह व्रत संतान के जीवन से बाधाओं और संकटों को दूर करता है।
सकट चौथ हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है, जिसे संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ और माघी चौथ भी कहते हैं।
सकट चौथ का मुख्य महत्व क्या है?
इस व्रत को भगवान गणेश और देवी सकट को समर्पित किया जाता है। मान्यता है कि व्रत रखने से संतान के जीवन की बाधाएं और संकट दूर होते हैं।
व्रत की तिथि और शुभ समय क्या है?
सकट चौथ 2026 में 6 जनवरी को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि सुबह 08:01 बजे शुरू होकर अगले दिन सुबह 06:52 बजे समाप्त होगी।
शिवलिंग पर किन चीजों को अर्पित करें?
इस दिन शिवलिंग पर दूर्वा की माला, दूध और काले तिल, गन्ने का रस, बिल्व पत्र और शमी पत्र अर्पित किए जाते हैं। यह संतान के जीवन में सुख, बुद्धि और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है।