दिव्य स्फटिक शिवलिंग के दर्शन करते ही मिलती है असीम शांति, तंजावुर स्थापत्य शैली का मंदिर भी है आकर्षण का केंद्र | Immediate peace is found when you see the divine crystal lingam. Thanjavur architectural style temple is also a center of attraction

दिव्य स्फटिक शिवलिंग के दर्शन करते ही मिलती है असीम शांति, तंजावुर स्थापत्य शैली का मंदिर भी है आकर्षण का केंद्र

दिव्य स्फटिक शिवलिंग के दर्शन करते ही मिलती है असीम शांति, तंजावुर स्थापत्य शैली का मंदिर भी है आकर्षण का केंद्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : May 21, 2020/9:43 am IST

धर्म। विशालतम द्वार…भव्य प्रांगण…गगनचुंबी गुंबद..और अद्भुत सुंदरता…ऐसा है रत्ननेश्वर महादेव का मंदिर । उम्दा नक्काशी…बेजोड़ कारीगरी और भारतीय वास्तुयोजना के आदर्श उदाहरण के तौर पर सामने आता है ये मंदिर । इस मंदिर का निर्माण तंजावुर स्थापत्य शैली किया गया है। स्फटिक शिवलिंग के साथ यहां काले पत्थर की 17 टन के एक ही पत्थर से बने नंदी की मूर्ति भी स्थापित है।

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मंदिर के 6 प्रमुख भाग हैं…जिसमें गर्भ ग्रह, कलगारम,यालन,मोहसाल,पंडियन और स्वर्णकलश मंदिर शामिल हैं। मंदिर के कलगारम और यालन भाग में भगवान शंकर के 16 अवतारों की मूर्तियां हैं जबकि मोहसाल पडियन भाग में त्रिदेवों यानी ब्रम्हा,विष्णु और महेश की मूर्तियां हैं।गुरु रत्नेश्वर महादेव मंदिर में तीन प्रमुख द्वार हैं। मुख्य द्वार पूर्व में है जबकि बाकी दो द्वार उत्तर और दक्षिण दिशा में हैं।

रत्नेश्वर मंदिर के गर्भग्रह को शास्त्रों के अनुसार बनाया गया है। गर्भग्रह में प्रवेश करने के लिए तीन द्वार हैं। तीनों दरवाजों में डेढ़ क्विंटल चांदी से शानदार नक्काशी की गई है । गर्भग्रह के पास ही द्वादश ज्योर्तिलिंग बनाए गए हैं। मंदिर में 6 छोटे और 1 विशाल कड़ाहीनुमा गुंबद है। जिनके शिखरों पर सोने के कलश रखे गए हैं। साथ ही मंदिर परिसर में कई और देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।

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मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है, जैसे हम स्वर्ग के किसी टुकड़े पर आ उतरे हों। शांति और दिव्यता से भरा-पूरा यहां का माहौल कुछ ही क्षणों में दर्शनार्थियों को एक अलग ही लोक की सैर पर ले जाता है।

रत्ननेश्वर महादेव का मंदिर मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित है। मंदिर दिघोरी (गुरूधाम) में स्थापित है। यह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी की जन्म स्थली हैँ। दिघोरी भारत के राज्य मध्यप्रदेश के अन्तर्गत सिवनी जिले से 16 किलोमीटर ग्राम राहीवाडा से पश्चिम दिशा मे गुरुधाम दिघोरी 8 किलोमीटर पर स्थित है यह एक ग्राम पँचायत हैँ।