Shri Durga Chalisa
Maa Durga Aarti : 22 जुलाई 2024 से सावन की शुरुआत हो चुकी है, यह महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। भक्त इस दौरान भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। सावन सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है। सावन में भगवान शिव के अलावा लोग मां दुर्गा की पूजा भी करने हैं। नवरात्रि के अलावा महिलाएं मां दुर्गा के कई व्रत करती है जिसमें उनकी आरती काफी महत्वपूर्ण होती है। व्रत करने वाली महिलाएं मां दुर्गा की ये आरती जरूर करें..
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
मां दुर्गा की आरती करने के लिए सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें। इसके बाद घर में स्थापित मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद भक्ति भाव से मां दुर्गा की आरती करें। इसके बाद माता रानी को भोग लगाएं और इस भोग को प्रसाद के रूप में बांट दें। मां दुर्गा से कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा व्यक्ति से प्रसन्न होती हैं और कृपा बनाएं रखती हैं।