2026 Me Holi Kis Date Ko Hai: नए साल का सबसे रंगीन दिन, 2026 की होली और होलिका दहन की तारीखें जानिए यहां!

हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह देशभर में रंग, उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। 2025 में होली 14 मार्च को थी, जबकि 2026 में होली की तारीख जानने के लिए यहां देख सकते हैं।

2026 Me Holi Kis Date Ko Hai: नए साल का सबसे रंगीन दिन, 2026 की होली और होलिका दहन की तारीखें जानिए यहां!

(2026 Me Holi Kis Date Ko Hai / Image Credit: Meta AI)

Modified Date: December 10, 2025 / 12:33 pm IST
Published Date: December 10, 2025 12:33 pm IST
HIGHLIGHTS
  • होली: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक।
  • 2026 होली: 4 मार्च को मनाई जाएगी।
  • होलिका दहन: 3 मार्च शाम 6:27 बजे से रात 8:49 बजे तक।

2026 Me Holi Kis Date Ko Hai: होली, जिसे रंगों का पर्व भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत, प्रेम, भाईचारे और एकता का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों और आसपास के लोगों के साथ मिलकर रंग, गुलाल और पानी का आनंद उठाते हैं। यह त्योहार न केवल खुशियों का संदेश देता है बल्कि पुराने झगड़ों और नकारात्मक भावनाओं को भूलकर एक दूसरे के साथ मेल-जोल बढ़ाने का अवसर भी है।

2026 में होली और होलिका दहन की तारीखें

2026 Me Holi Kis Date Ko Hai: साल 2026 में होली 4 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि होलिका दहन 3 मार्च को किया जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त और विशेष समय की जानकारी भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। 3 मार्च को अभिजीत मुहूर्त नहीं होगा और दोपहर 12:33 बजे से 2 बजे तक राहुकाल रहेगा।

होलिका दहन का शुभ समय

होलिका दहन के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 3 मार्च 2026 को शाम 6:27 बजे से रात 8:49 बजे तक रहेगा। वहीं, प्रदोष काल के दौरान पूजा का समय शाम 6:17 बजे से रात 8:41 बजे तक रहेगा। होलिका जलाने का सबसे उत्तम समय शाम 6:27 बजे से 8:55 बजे तक है। इस दौरान लोग होलिका को जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं।

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कैसे मनाई जाती है होली?

होली के दिन सुबह-सुबह घरों में विभिन्न पकवान जैसे गुजिया, दही भल्ले, कचौड़ी, पूरी और ठंडाई तैयार की जाती है। इसके बाद लोग रंग, गुलाल और पानी के साथ एक-दूसरे को रंगते हैं। यह अवसर सभी गिले-शिकवे भूलकर खुशियां साझा करने का होता है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस दिन में पूरी तरह से शामिल होते हैं और रंगों के साथ प्रेम और भाईचारे का उत्सव मनाते हैं।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।