Sawan Third Somwar 2022 : नई दिल्ली। सावन का पवित्र महीना देवाधिदेव महादेव की पूजा-अराधना और व्रत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस महीने में ब्रम्हांड के संचालन की जिम्मेदारी भगवान शंकर के पास होती है। सावन माह में भगवान शिवजी की पूजा से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। अगस्त के पहले दिन सावन मास का तीसरा सोमवार है और श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस चतुर्थी को वैनायकी गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की साधना करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।
इस दिन ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का कम से कम एक माला का जाप करें। जाप करते समय भगवान गणपति का ध्यान करें। अगर निरंतर यह प्रक्रिया अपनाई गई तो भगवान की कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है। इसके अलावा गणेश गायत्री का ‘ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात’ महामंत्र भी शीघ्र फलदायक है। इस बार की गणेश चतुर्थी, श्रावण शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ रही है। सोमवार उनके पिता शिव का दिन माना जाता है। ऐसे में इस दिन किया गया रूद्राभिषेक और गणेश साधना विशेषरूप से फलदायी है, क्योंकि भक्त को पिता-पुत्र का आशीर्वाद एक साथ मिल जाएगा।
Sawan 2022 : सावन महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त तरह तरह के उपाय करते हैं। शिव की पूजा में धतूरा, मदार के फूल, बेल पत्र, शमी पत्र को शुभ माना जाता है। भगवान शिव को शमी पत्र विशेषतौर पर चढ़ाया जाता है।
सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित करने से मनचाहा वरदान मिलता है। सावन महीने में सोमवार को सुबह शिवालय में जाकर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें। इसके बाद तांबे के लोटे में जल, गंगाजल, सफेद चंदन, चावन आदि मिलाकर शिवलिंग को अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ को बेल पत्र, सफेद वस्त्र, चावल, शमी पत्र अर्पित करें। शमी पत्र चढ़ाते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
शमी के पेड़ को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि रावण का वध करने के बाद जब भगवान श्रीराम वापस लौटे थे, तब उन्होंने शमी के वृक्ष की पूजा की थी। दूसरी कथा के अनुसार, महाभारत में पांडवों को अज्ञातवास दिए जाने पर अस्त्र शस्त्र शमी के पेड़ में ही छिपा दिए थे। इस वजह से शमी के पेड़ को शुभ माना जाता है।
हिंदू धर्म और शास्त्रों में बताया गया है कि सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र विधिवत तरीके से चढ़ाना अति फलदायी होता है। इससे जीवन में सुख समृद्धि का संचार होता है और भगवान शिवजी की कृपा बनी रहती है। हिंदू धर्म के मुताबिक, सावन माह में शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद दूध चढ़ाना शुभ है। इसके पश्चात धतूरा, मदार के फूल, बेल पत्र, शमी पत्र आदि चढ़ाने से शिव प्रसन्न होते हैं।
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