Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी के दिन कर लें ये उपाय, नहीं जाना होगा नर्क!

Narak Chaturdashi 2024 : मान्यता है कि नरक चतुर्दशी पर यम (Yamraj) के नाम दीपक जलाते हैं, उन्हें यमलोक के दर्शन नहीं करने पड़ते है। वह अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होते है।

Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी के दिन कर लें ये उपाय, नहीं जाना होगा नर्क!

Narak Chaturdashi 2024

Modified Date: October 29, 2024 / 11:42 pm IST
Published Date: October 29, 2024 11:42 pm IST

Narak Chaturdashi 2024: धरतेरस के बाद अगले दिन नरक चतुर्दशी होती है। यानि दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी आती है। इसे छोटी दिवाली कहते हैं। ये दिन मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी पर कुछ शुभ कार्य करने से मानव को नर्क के दर्शन नहीं होते हैं।

Narak Chaturdashi 2024: छोटी दिवाली (Choti diwali) को नरक चतुर्दशी या नरक चौदस भी कहा जाता है। इस दिन कृष्ण भगवान, यमराज की पूजा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी पर यम (Yamraj) के नाम दीपक जलाते हैं, उन्हें यमलोक के दर्शन नहीं करने पड़ते है। वह अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होते है। साथ ही मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अभ्यंग स्नान करने वाले लोग नर्क जाने से बच सकते हैं।

नरक चतुर्दशी 2024 डेट और मुहूर्त (Narak Chaturdashi 2024 date and time)

दिवाली की तरह नरक चतुर्दशी की डेट को लेकर भी द्विविधा है, दरअसल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1.15 पर शुरू होगी और अगले दिन 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03.52 मिनट पर समाप्त होगी।

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नरक चतुर्दशी पर यम के लिए दीपक प्रदोष काल में जलाते हैं, ऐसे में इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। हालांकि अभ्यंग स्नान (रूप चौदस) चतुर्दशी तिथि जब सूर्योदय से प्रारंभ हो रही हो उस दिन सुबह किया जाता है।

नरक चतुर्दशी यम दीपक – शाम 05.30 – रात 07.02 (30 अक्टूबर)
अभ्यंग स्नान – सुबह 05.20 – सुबह 06.32 (31 अक्टूबर)

नरक चतुर्दशी पर क्या उपाय करें

इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नहाना चाहिए, इसके बाद भगवान कृष्ण जी की पूजा करनी चाहिए।
नरक चतुर्दशी की शाम को यमराज के नाम का दीपक जलाना चाहिए, घर की दक्षिण दिशा को साफ रखना चाहिए।

धार्मिक मान्यता अनुसार रूप चौदस के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और लगभग 16,000 गोपियों को उसकी कैद मुक्त किया था।

Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com