Dussehra 2025: नवरात्रि विदाई के साथ कल देशभर में मनाई जाएगी विजयदशमी.. यहां जानें शुभ मुहूर्त! दहन के बाद जरूर करें ये काम
"विजयदशमी न केवल रावण दहन और शस्त्र पूजन का पर्व है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की विजय, नई शुरुआतों और सकारात्मक ऊर्जा के संचार का प्रतीक भी है।"
Image Source; Dussehra 2025/ Savari
- दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा, क्योंकि इसी दिन दशमी तिथि का उदय हो रहा है।
- रावण दहन प्रदोष काल में किया जाएगा, जो शाम 6:06 से 7:19 बजे तक रहेगा।
- विजय मुहूर्त में शस्त्र पूजन और नए कार्य की शुरुआत अत्यंत शुभ मानी जाती है, जिससे कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
Dussehra 2025: आज 1 अक्टूबर को कन्या पूजन के साथ नवरात्रि की नवमी तिथि समाप्त हो रही है। इसके अगले दिन दशमी तिथि पर विजयदशमी यानी दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतीक है। परंपरा के अनुसार, इस दिन रावण दहन किया जाता है और शस्त्र पूजन का भी विधान होता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ये पर्व हर वर्ष पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए ये दिन देवी दुर्गा से भी जुड़ा हुआ है। आइये दशहरा के बारे में और जानते हैं
दशहरा 2025 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर को शाम 7:02 बजे होगी और इसका समापन 2 अक्टूबर की शाम 7:02 बजे होगा। शास्त्रों के अनुसार, उदया तिथि 2 अक्टूबर को होने के कारण दशहरा इस दिन मनाया जाएगा।
शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त
Dussehra 2025: 2 अक्टूबर को दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक का समय शस्त्र पूजन के लिए सबसे शुभ माना गया है। इस समय को विजय मुहूर्त कहा जाता है। मान्यता है कि इस समय किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना या नया सामान खरीदना बेहद लाभकारी होता है। इस मुहूर्त में किए गए कार्य कई गुना फलदायी होते हैं।
रावण दहन का शुभ समय
2 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 6:06 बजे से 7:19 बजे तक प्रदोष काल रहेगा, जो रावण दहन के लिए सबसे उत्तम समय होगा। अगर किसी कारणवश इसमें देरी हो जाए, तो विशेष परिस्थिति में रावण दहन को रात 7:45 बजे तक किया जा सकता है।
रावण दहन के बाद क्या करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण दहन के बाद उसकी बची हुई थोड़ी-सी राख या लकड़ी घर लाकर रखनी चाहिए। इसे घर में ऐसी जगह रखें जहां किसी की नजर न पड़े। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

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