इस दिन है देवशयनी एकादशी, तुलसी से जुड़ें ये उपाय दूर करेंगे सभी समस्या, हर मनोकामना होगी पूरी

Devshayani Ekadashi 2023 : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

इस दिन है देवशयनी एकादशी, तुलसी से जुड़ें ये उपाय दूर करेंगे सभी समस्या, हर मनोकामना होगी पूरी

Devshayani Ekadashi

Modified Date: June 25, 2023 / 11:55 am IST
Published Date: June 25, 2023 11:55 am IST

नई दिल्ली : Devshayani Ekadashi 2023 : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी अर्थात देवताओं के शयन की एकादशी अर्थात इस दिन से भगवान विष्णु सहित सभी देवता योग निद्रा में चले जाते हैं, जबकि भगवान शिव का परिवार जागता रहता है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। चार महीने बाद, देवउठनी एकादशी, जो कार्तिक के महीने में आती है, भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और फिर शुभ कार्य शुरू होते हैं। हालांकि पूजा करने पर कोई पाबंदी नहीं है।

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देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

Devshayani Ekadashi 2023 : आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत – 29 जून 2023, प्रात: 03 बजकर 18 मिनट से।

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आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि का समापन – 30 जून 2023, प्रात: 02 बजकर 42 मिनट पर।

देवशयनी एकादशी व्रत पारण का समय 30 जून को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से शाम को 04 बजकर 36 मिनट तक है।

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देवशयनी एकादशी पूजा विधि

Devshayani Ekadashi 2023 : देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

इस दिन सुबह स्नान कर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को मंदिर में आसन पर बिठाएं।

ध्यान रहे कि आसन पर पीले रंग के कपड़े बिछाए जाएं।

इसके बाद भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं।

फूलों की माला चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।

मान्यता है कि एकादशी के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए सामर्थ्य व इच्छा के अनुसार दान करें।

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एकादशी के दिन ना तोड़ें तुलसी पत्ते

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की प्रतिदिन पूजा की जाती है और भगवान विष्णु को भी तुलसी के पत्ते के साथ भोग लगया जाता है। लेकिन एकादशी के दिन अगर आप भगवान को भोग लगा रहे हैं तो तुलसी का पत्ता इस दिन ना तोड़ें क्योंकि इस दिन तुलसी तोड़ना अशुभ माना जाता है। लेकिन अगर आपको पूजा के लिए तुलसी के पत्तों को एकादशी के दिन से पहले ही तोड़कर रख लें।

इस रंग के कपड़े पहनकर ना करें पूजा

देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा काले रंगे के कपड़े पहनकर नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। इस देवशयनी एकादशी पर भगवान चार महीने के लिए क्षीर सागर में निद्रा के लिए चले जाएंगे।

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