Bhanu Saptami Yoga : 13 साल बाद 26 फरवरी को बन रहा भानु सप्तमी योग, सूर्यदेव हर लेंगे सभी परेशानी, जाग उठेंगे भाग्य
Bhanu Saptami Yoga in 26 February sunday : फाल्गुन मास के रविवार को सप्तमी तिथि का योग 13 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 21 फरवरी 2010 को ऐसा हुआ था। अब ऐसा संयोग 14 साल बाद यानी 22 फरवरी 2037 को बनेगा। आने वाले रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने का कई गुना पुण्य फल मिलेगा।
Bhanu Saptami Yoga
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फाल्गुन महीने में सूर्य पूजा का महत्व है। ग्रंथों के अनुसार इस महीने सूर्य को विष्णु रूप में पूजना चाहिए। रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है। जो कि आने वाली 26 फरवरी को बन रहा है।
फाल्गुन मास के रविवार को सप्तमी तिथि का योग 13 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 21 फरवरी 2010 को ऐसा हुआ था। अब ऐसा संयोग 14 साल बाद यानी 22 फरवरी 2037 को बनेगा। आने वाले रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने का कई गुना पुण्य फल मिलेगा।
इन सितारों का शुभ संयोग
इस दिन तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर त्रिपुष्कर नाम का शुभ योग बन रहा है। यानी इस योग में किए गए शुभ फल का तीन गुना फायदा मिलता है। इसके अलावा इंद्र नाम का योग भी रहेगा। वहीं, गुरु अपनी ही राशि और शुक्र उच्च राशि में रहेगा। इन संयोग में किए गए कामों का कई गुना शुभ फल मिलता है।
विष्णु रूप में करें सूर्य पूजा
फाल्गुन मास में विष्णु रूप में सूर्य की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बीमारियां दूर होती है। उम्र बढ़ती है और सफलता मिलती है। पुराणों में सूरज को सूर्य नारायण भी कहा गया है। यानी ये भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। हर हिंदी महीने में अलग-अलग रूप और नामों से सूर्य की पूजा करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में सूर्य पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
स्नान-दान और सूर्य पूजा से होता है पुण्य
भानु सप्तमी पर सूरज उगने से पहले तीर्थ में स्नान करने का विधान है। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहाना चाहिए। फिर उगते हुए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद दिनभर व्रत रखने और जरूरतमंद लोगों को दान देने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। ऐसा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है।

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