Bhanu Saptami Yoga : 13 साल बाद 26 फरवरी को बन रहा भानु सप्तमी योग, सूर्यदेव हर लेंगे सभी परेशानी, जाग उठेंगे भाग्य

Bhanu Saptami Yoga in 26 February sunday : फाल्गुन मास के रविवार को सप्तमी तिथि का योग 13 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 21 फरवरी 2010 को ऐसा हुआ था। अब ऐसा संयोग 14 साल बाद यानी 22 फरवरी 2037 को बनेगा। आने वाले रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने का कई गुना पुण्य फल मिलेगा।

Bhanu Saptami Yoga : 13 साल बाद 26 फरवरी को बन रहा भानु सप्तमी योग, सूर्यदेव हर लेंगे सभी परेशानी, जाग उठेंगे भाग्य

Bhanu Saptami Yoga 

Modified Date: February 25, 2023 / 11:48 pm IST
Published Date: February 25, 2023 11:48 pm IST

Bhanu Saptami Yoga

फाल्गुन महीने में सूर्य पूजा का महत्व है। ग्रंथों के अनुसार इस महीने सूर्य को विष्णु रूप में पूजना चाहिए। रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है। जो कि आने वाली 26 फरवरी को बन रहा है।

फाल्गुन मास के रविवार को सप्तमी तिथि का योग 13 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 21 फरवरी 2010 को ऐसा हुआ था। अब ऐसा संयोग 14 साल बाद यानी 22 फरवरी 2037 को बनेगा। आने वाले रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने का कई गुना पुण्य फल मिलेगा।

इन सितारों का शुभ संयोग

इस दिन तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर त्रिपुष्कर नाम का शुभ योग बन रहा है। यानी इस योग में किए गए शुभ फल का तीन गुना फायदा मिलता है। इसके अलावा इंद्र नाम का योग भी रहेगा। वहीं, गुरु अपनी ही राशि और शुक्र उच्च राशि में रहेगा। इन संयोग में किए गए कामों का कई गुना शुभ फल मिलता है।

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विष्णु रूप में करें सूर्य पूजा

फाल्गुन मास में विष्णु रूप में सूर्य की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बीमारियां दूर होती है। उम्र बढ़ती है और सफलता मिलती है। पुराणों में सूरज को सूर्य नारायण भी कहा गया है। यानी ये भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। हर हिंदी महीने में अलग-अलग रूप और नामों से सूर्य की पूजा करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में सूर्य पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।

स्नान-दान और सूर्य पूजा से होता है पुण्य

भानु सप्तमी पर सूरज उगने से पहले तीर्थ में स्नान करने का विधान है। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहाना चाहिए। फिर उगते हुए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद दिनभर व्रत रखने और जरूरतमंद लोगों को दान देने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। ऐसा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com