Panchak December 2025: दिसंबर के अंतिम दिनों में लगेगा साल 2025 का आख़िरी पंचक, तो क्या नववर्ष की शुरुआत पंचक में होगी? जान लें शुभ या अशुभ!
Panchak December 2025: साल 2025 अपने अंतिम चरण में है और इसी दौरान साल का आखिरी पंचक लगने जा रहा है। क्या नए साल की शुरुआत पंचक से होगी? आइये जानते हैं कब से कब तक रहेगा ये पंचक..
Panchak December 2025/Image Source: IBC24
- जानें पंचक के खतरनाक प्रकार!
- साल 2025 का आखिरी पंचक शुभ होगा या अशुभ?
Panchak December 2025: हिन्दू पंचांग में ‘पंचक’ एक ख़ास अवधि है जो आमतौर पर अशुभ मानी जाती है। यह चंद्रमा के कुम्भ और मीन राशि में गोचर के दौरान लगता है। यह पांच नक्षत्रों के संयोग से बनता है, इन पांच नक्षत्रों से होकर गुज़रने के कारण इसे ‘पंचक’ कहते हैं।
साल 2025 का आखिरी पंचक क्रिसमस (Christmas) के एक दिन पहले, यानी कि 24 दिसंबर को लगने जा रहा है। यह पंचक बुधवार के दिन शुरू होने के कारण “राज पंचक” कहलाएगा। कुछ स्तोत्रों के अनुसार, सोमवार से शुरू हो रहे पंचक को राज पंचक कहते हैं किन्तु कई ज्योतिषी, बुद्ध एवं गुरुवार से शुरू हो रहे पंचक को भी राज पंचक या दोषमुक्त मानते हैं दिसंबर 2025 में, यह पंचक 24 दिसंबर (बुधवार) शाम लगभग 7:46 बजे से शुरू होकर 29 दिसंबर (सोमवार) सुबह 7:41 बजे तक रहेगा। इस दौरान विशेष बात यह है कि नववर्ष शुरू होने से पहले ही पंचक ख़त्म हो जायेगा। आइये जान लेते हैं कि पंचक के दौरान क्या करें और क्या न करें?
Panchak December 2025: पंचक काल के दौरान “क्या करें” और “क्या न करें”?
क्या करें?
- पंचक के दौरान ईश्वर के नाम का जाप, धार्मिक कार्य, पूजा पाठ, हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ बहुत ही शुभ माना जाता है।
- मान्यता हैं कि पंचक काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करने तथा नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं।
- पंचक में दान-पुण्य, गरीबों में भोजन व वस्त्र दान करें, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
- यदि पंचक के दौरान किसी की मृत्यु जो जाए तो, शव के साथ आटे के पांच पुतले रखकर डाह-संस्कार करें।
क्या न करें ?
पंचक के दौरान कई कार्य वर्जित माने जाते हैं, ये अशुभ फल दे सकते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे (विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश, नया कारोबार शुरू करना) जैसे कोई भी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
- दक्षिण दिशा यम दिशा मानी जाती है इसलिए ख़ास तौर पर पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा न करैं।
- पंचक में ईंधन, लकड़ी या घास इकट्ठी न करें, अग्नि का खतरा रहता है।
- कहा जाता हैं कि इस दौरान चारपाई या बिस्तर बनवाना या खरीदना, नया पलंग खरीदना, रोगों तथा संकटों को न्योता देता है।
- इस दौरान ढलाई करना या घर की छत डालना अशुभ माना जाता है
- यदि पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए, तो बिना उपाय किए अंतिम-संस्कार न करें।
Disclaimer:- उपरोक्त लेख में उल्लेखित सभी जानकारियाँ प्रचलित मान्यताओं और धर्म ग्रंथों पर आधारित है। IBC24.in लेख में उल्लेखित किसी भी जानकारी की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है। हमारा उद्देश्य केवल सूचना पँहुचाना है।
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