यमुना नदी में दिखे ज़हरीले झाग, छठ महापर्व से पहले महिलाओं ने लगाई सरकार से गुहार

छठ पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है भगवान सूर्य को अर्घ्य देना। पूजा के दौरान व्रती महिलाएं नदी-तालाब में पानी में उतरकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करती हैं...

यमुना नदी में दिखे ज़हरीले झाग, छठ महापर्व से पहले महिलाओं ने लगाई सरकार से गुहार
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: October 27, 2022 11:22 am IST

नई दिल्ली। Chhath Puja 2022: छठ पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है भगवान सूर्य को अर्घ्य देना। पूजा के दौरान व्रती महिलाएं नदी-तालाब में पानी में उतरकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करती हैं और पूजा करती हैं। छठ महापर्व के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने को लेकर दिल्ली के यमुना नदी की स्थिति महिलाओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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आस्था का महापर्व, महाव्रत छठ पूजा कुछ ही दिनों में आने वाला है। छठ महापर्व हर साल देश के अलग-अलग कोने में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार छठ 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। शुक्रवार से शुरू हो रहा ये पर्व सोमवार 31 अक्टूबर तक चलेगा। ऐसे में इस चार दिवसीय पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।

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हिंदू धर्म में पंचांग का बेहद खास महत्त्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि को छठ पर्व का नहाय-खाय होता है। मान्यता है कि, इस दिन से छठ पर्व के नियम शुरू हो जाते हैं। इस साल छठ पर्व का पहला दिन नहाय खाय 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके बाद 29 अक्टूबर को छठ पर्व का खरना है। इस दिन व्रती महिलाएं छठी मैया और सूर्य देव के लिए पकवान बनाती हैं। बता दें खरना के अगले दिन छठ पर्व का संध्याकालीन अर्घ्य होता है। इसका मतलब इस साल संध्याकालीन अर्घ्य 30 अक्टूबर को दिया जाएगा। इसके अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन होता है। छठ व्रत बेहद कठिन होता है। इस व्रत से जुड़े हुए नियमों का कठोरता से पालन करना होता है।

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महिलाओं ने जताई चिंता

एक स्थानीय महिला ने बताया, “कल से छठ का त्योहार शुरू हो जाएगा तो हम चाहते हैं कि यहां पर साफ-सफाई हो जाए। हर साल यहां पर सफाई नहीं होती है, यहां पर नहाने से खुजली होती है लेकिन हमारी मजबूरी है तो सरकार को कुछ करना चाहिए।

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