Ram Navami 2025: इस दिन मनाई जाएगी रामनवमी, बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें क्या है इसकी पूजा विधि और महत्व

Ram Navami 2025: इस दिन मनाई जाएगी रामनवमी, बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें क्या है इसकी पूजा विधि और महत्व

Ram Navami 2025: इस दिन मनाई जाएगी रामनवमी, बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें क्या है इसकी पूजा विधि और महत्व

Ram Navami 2025 Upay Image Credit: IBC24 File

Modified Date: March 21, 2025 / 04:57 pm IST
Published Date: March 21, 2025 4:57 pm IST
HIGHLIGHTS
  • इस साल राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा।
  • राम नवमी के मौके पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं।

Ram Navami 2025: हर साल चैत्र माह की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इस साल राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। बता दें कि, इस बार राम नवमी के मौके पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। तो चलिए जानते हैं क्या इसका शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि।

Read More: Orange Alert in CG: प्रदेश में गर्मी से मिलेगी राहत.. अगले 3 घंटे में तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना, मौसम विभाग ने की ये अपील

तिथि और शुभ मुहूर्त

चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस अनुसार इस साल 06 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन पूजा का समय 06 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर मध्याह्न का समय है, जो भगवान श्रीराम का अवतरण समय भी है।

 ⁠

Read More: MLA Nand Kishore Gurjar: भाजपा विधायक और पुलिस के बीच झड़प, नेता जी ने फटे कुर्ते में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर साधा निशाना

पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
भगवान राम की मूर्ति स्थापित करें।
उन्हें गंगाजल, पंचामृत, फूल, फल, चोला, तुलसी पत्र और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।
रामचरितमानस का पाठ करें या सुनें।
आरती से पूजा का समापन करें।
पूजा के बाद जरूरतमंदों को क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा दें।

रामनवमी का महत्व

Ram Navami 2025:  मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में रामावतार लिया था। उस समय उन्होंने चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को अयोध्या में राजा दशरथ के बड़े पुत्र के रूप में जन्म लिए थे। तब पहली बार भगवान विष्णु ने मनुष्य के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है कि, लंका के राजा रावण के वध, अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए प्रभु राम ने जन्म लिया था। इस दिन रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस लिए हर साल चैत्र शुक्ल नवमी को राम नवमी मनाई जाती है।

 

 

 

 

 


लेखक के बारे में