नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से मिलता है मनवांछित वरदान

नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से मिलता है मनवांछित वरदान

नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से मिलता है मनवांछित वरदान
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: October 18, 2020 4:37 am IST

धर्म। नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है, साधक इस दिन अपने मन को मां के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली, इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करनेवाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है।

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इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए साधना करते हैं, जिससे उनका जीवन सफल हो जाता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने वाला भक्त अपने सामने आनेवाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से कर सकता है। मां दुर्गा का ये दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धियों को अनंत फल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग,वैराग्य, सदाचार संयम की वृद्धि होती है। जीवन की मुश्किलों में भी उनका मन कर्तव्य से विचलित नहीं होता।

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मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से भक्त को हर जगह सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से माता की उपासना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं देवी अवश्य पूरा करती हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:


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