Shani dev ki Aarti : शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप एवं आरती, शनि होंगे शांत, बरसेगी कृपा

Shani dev ki Aarti : शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप एवं आरती, शनि होंगे शांत, बरसेगी कृपा

Shri Shani Aarti

Modified Date: July 31, 2024 / 02:31 pm IST
Published Date: July 31, 2024 2:31 pm IST

Shani dev ki Aarti : शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर शनिदेव की कृपा होती है उन्हें हर क्षेत्र में यश एवं सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शनिवार के दिन भगवान शनि की विधिवत पूजा करने के अंत में आरती जरूर करें। जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे इसके लिए शनिवार के दिन शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए. कहा जाता है कि जिन भक्तों को शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है वह रंक से भी राजा बन जाता है और उसके जीवन के सारे कष्ट व दुख दूर हो जाते हैं.

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Shani dev ki Aarti

शनि दोष से मुक्ति पाने या शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन कुछ मंत्रों का जाप करें.

शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

  • शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
  • सामान्य मंत्र– ॐ शं शनैश्चराय नमः।
  • शनि महामंत्र– ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
  •  शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
  • शनि गायत्री मंत्र­– ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
  • तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
  • शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

Shani dev ki Aarti : आइये पढ़े शनिदेव की आरती

ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ॐ॥
सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान ॥स्वामी॥
सब देवताओं में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ॥ॐ॥1॥
विक्रमराज को हुआ घमण्ड फिर, अपने श्रेष्ठन का। स्वामी
चकनाचूर किया बुद्धि को, हिला दिया सरताज ॥ॐ॥2॥
प्रभु राम और पांडवजी को, भेज दिया बनवास। स्वामी
कृपा होय जब तुम्हारी स्वामी, बचाई उनकी लॉज ॥ॐ॥3॥
शुर-संत राजा हरीशचंद्र का, बेच दिया परिवार। स्वामी
पात्र हुए जब सत परीक्षा में, देकर धन और राज ॥ॐ॥4॥
गुरुनाथ को शिक्षा फांसी की, मन के गरबन को। स्वामी
होश में लाया सवा कलाक में, फेरत निगाह राज ॥ॐ॥5॥
माखन चोर वो कृष्ण कन्हाइ, गैयन के रखवार। स्वामी
कलंक माथे का धोया उनका, खड़े रूप विराज ॥ॐ॥6॥
देखी लीला प्रभु आया चक्कर, तन को अब न सतावे। स्वामी
माया बंधन से कर दो हमें, भव सागर ज्ञानी राज ॥ॐ॥7॥
मैं हूँ दीन अनाथ अज्ञानी, भूल भई हमसे। स्वामी
क्षमा शांति दो नारायण को, प्रणाम लो महाराज ॥ॐ॥8॥
ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय-जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज॥ॐ॥

 


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.