Sharad Purnima Shubh Muhurat: मां लक्ष्मी को समर्पित है शरद पूर्णिमा, माता को प्रसन्न करने के लिए यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sharad Purnima Shubh Muhurat: मां लक्ष्मी को समर्पित है शरद पूर्णिमा, माता को प्रसन्न करने के लिए यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Magh Purnima 2024 Upay
Sharad Purnima Shubh Muhurat: अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। 28 अक्टूबर को साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वहीं, इस दिन चंद्र ग्रहण के साये में शरद पूर्णिमा भी मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के अति निकट होता है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान होती हैं, इसलिए इस दिन लोग खीर बना कर रात में चंद्रमा की रोशनी में रखते हैं और फिर प्रसाद के रूप में इसे खाते हैं।
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शरद पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी की उपासना
शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है। आज के दिन अगर आप भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शरद पूर्णिमा का महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जरूर जान लें…
पूजा करने का शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए रात्रि में 3 शुभ मुहूर्त हैं। शुभ-उत्तम मुहूर्त रात 08 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 29 मिनट तक, अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 10 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक और चर-सामान्य मुहूर्त 12 बजकर 05 मिनट तक से 01 बजकर 41 मिनट तक है। रात में इन तीनों मुहूर्त में आप कभी भी मां लक्ष्म की पूजा कर सकते हैं।
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शरद पूर्णिमा की पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
यदि किसी नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
फिर एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं और गंगाजल से शुद्ध करें।
चौकी के ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी पहनाएं।
इसके बाद लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें। मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
पूजा संपन्न होने के बाद आरती करें। फिर शाम के समय पुनः मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें।
मध्य रात्रि में मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों को खिला दें।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, IBC24 किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें।)

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