Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का आज छठा दिन, महिषासुर मर्दिनी मां कात्यायनी की आराधना, ऐसे करें पूजन और मंत्र जाप

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का आज छठा दिन, महिषासुर मर्दिनी मां कात्यायनी की आराधना, ऐसे करें पूजन और मंत्र जाप

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का आज छठा दिन, महिषासुर मर्दिनी मां कात्यायनी की आराधना, ऐसे करें पूजन और मंत्र जाप

Shardiya Navratri 2025/Image Source: IBC24

Modified Date: September 28, 2025 / 07:51 am IST
Published Date: September 28, 2025 7:51 am IST
HIGHLIGHTS
  • नवरात्र का छठा दिन,
  • आज मां कात्यायनी की आराधना,
  • महिषासुर मर्दिनी के रूप में होती है पूजा,

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का आज छठा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी को शक्ति का उग्र, तेजस्वी और रक्षक रूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इनकी पूजा करने से भय, बाधाएं और शत्रुओं का नाश होता है, साथ ही भक्तों को साहस, शक्ति और विजय की प्राप्ति होती है।

पौराणिक कथा के अनुसार एक समय महर्षि कात्यायन ने मां दुर्गा की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उनकी पुत्री रूप में जन्म लिया। चूंकि देवी का प्राकट्य महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इन्हें कात्यायनी देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत दिव्य, तेजस्वी और सौम्य-उग्र का अद्भुत संगम है। उनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला होता है। वे सिंह पर सवार होती हैं जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। उनके चार हाथ होते हैं एक हाथ में कमल पुष्प, दूसरे में तलवार, तीसरे हाथ से वे वरदान देती हैंऔर चौथा हाथ अभय मुद्रा में होता है जो अपने भक्तों को भयमुक्त होने का आश्वासन देता है।

Shardiya Navratri 2025: मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब राक्षस महिषासुर ने तीनों लोकों में आतंक फैला दिया था, तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों से मिलकर मां कात्यायनी का जन्म हुआ। उन्होंने महिषासुर का संहार किया और देवताओं तथा पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। यह घटना शक्ति की विजय और अधर्म के विनाश का प्रतीक है। मां कात्यायनी की पूजा में लाल या सुनहरे वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पूजा के समय देवी की मूर्ति या तस्वीर को लाल फूलों, विशेषकर गुलाब से सजाएं। भोग में मिठाई के साथ शहद अवश्य अर्पित करें, जो मां को अत्यंत प्रिय है। पूजन के दौरान “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।

 ⁠

यह भी पढ़ें


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।