these zodiac signs will be Shani Sade Sati : वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों का वर्णन है, जिनमें शनि देव सबसे धीमी गति में गोचर करते हैं। 12 राशियों का चक्र पूरा करने में शनि देव को 30 साल का समय लगता है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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आपको बता दें कि शनि की साढ़ेसाती काफी कष्टकारी होती है, जिस पर चलती है उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जिस राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलती है उससे अगली राशि और 12वें स्थान वाली राशि को भी साढ़ेसाती प्रभावित करती है।
कुंभ में शनि के विराजमान रहने से मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर 2024 में शनि की साढ़ेसाती चल रही और वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा। वर्तमान में मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, कुंभ राशि वालों पर दूसरा और मकर राशि वालों पर आखिरी चरण जारी है। वहीं वर्तमान की बात करें तो वर्तमान में मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, कुंभ राशि वालों पर दूसरा और मकर राशि वालों पर आखिरी चरण जारी है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 29 मार्च 2025 को शनि देव कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करेंगे। दुसरे राशि में शनि के गोचर होने से कुछ राशियों पर से शनि की साढ़ेसाती और कुछ राशियों पर से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी।
these zodiac signs will be Shani Sade Sati: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव 2025 में कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करने से मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी उसके बाद कर्क व वृश्चिक राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति भी मिलेगी।
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