Vat Savitri Vrat 2025: सुहागन महिलाएं कल रखेंगी वट सावित्री का व्रत, जानिए इस दिन बरगद के पेड़ पर क्यों बांधा जाता है कच्चा सूत, क्या है इसका महत्व
Vat Savitri Vrat 2025: कल रखा जाएगा वट सावित्री का व्रत, जानिए इस दिन बरगद के पेड़ पर क्यों बांधा जाता है कच्चा सूत, क्या है इसका महत्व
Vat Savitri Vrat 2025/ Image Credit: IBC24 File
- कल 26 मई को रखा जाएगा वट सावित्री का व्रत।
- वट सावित्री महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखती है।
नई दिल्ली। Vat Savitri Vrat 2025: हिंदू धर्म में तीज त्योहारों का विशेष बहुत ही खास महत्व होता है। हर एक व्रत का अपना अलग ही महत्व होता है। इन्हीं में से एक वट सावित्री का व्रत है। वट सावित्री महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखती है। वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। सबसे पहले वट सावित्री का व्रत राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री ने अपने पति सत्यवान के लिए किया था। तो चलिए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा यह व्रत।
तिथि और शुभ मुहूर्त
मान्यता है कि, नई नवेली दुल्हन या सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर वट सावित्री के दिन वटवृक्ष की पूजा करती हैं, तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना लिए इस व्रत को कर सकती है। बता दें कि, इस साल वट सावित्री का यह वत्र 26 मई को रखा जाएगा। 26 मई को अमावस्या तिथि का आरंभ दोपहर में 12 बजकर 12 मिनट पर होगा और 27 तारीख को सुबह में 8 बजकर 32 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी।
पूजा विधि
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद 16 श्रृंगार करें, साफ सुथरी या नई साड़ी पहनें। बरगद के पेड़ की सफाई करें, धूप अगरबत्ती जलाएं, वट वृक्ष की सात परिक्रमा लगाएं, व्रत कथा का पाठ करें, आरती करें, भोग लगाएं और मंदिर में या गरीब लोगों को अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें।
क्यों बांधा जाता है कच्चा सूत
मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत की पूजा के दौरान बरगद के पेड़ पर सात बार कच्चा सूत बांधने से पति-पत्नी का रिश्ते मजबूत होते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। इसके अलावा पति-पत्नी के रिश्ते सात जन्मों तक बने रहते हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही व्रत रखती हैं।

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