Margashirsha month 2025 Niyam: भगवान कृष्ण के प्रिय मास में ये काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए? जानिए वजह और जरूरी नियम

मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास है। इस मास में सत्य, भक्ति और दान का पालन करें। झूठ, क्रोध, मांस-मदिरा से दूर रहें। गीता पाठ, श्रीकृष्ण नामस्मरण और उपवास करें। ऐसा करने से श्रीकृष्ण की कृपा और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

Margashirsha month 2025 Niyam: भगवान कृष्ण के प्रिय मास में ये काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए? जानिए वजह और जरूरी नियम

(Margashirsha month 2025 Niyam, Image Credit: Meta AI)

Modified Date: November 9, 2025 / 03:42 pm IST
Published Date: November 9, 2025 3:38 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मार्गशीर्ष मास भगवान कृष्ण का प्रिय मास है।
  • इस मास में स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व है।
  • मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज और जीरे का सेवन वर्जित है।

Margashirsha month 2025 Niyam: मार्गशीर्ष मास, जिसे अगहन भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण का अत्यंत प्रिय मास माना जाता है। इसे अन्नमास भी कहा जाता है। इस मास में भगवान कृष्ण की भक्ति, पूजा और दान करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस मास में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि पुण्य और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हो सके।

मार्गशीर्ष मास में क्या करें?

  • पवित्र नदियों में स्नान – इस मास में प्रतिदिन नदियों या सरोवर में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।
  • मंत्र जाप और पाठ – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ नमः शिवाय का जाप करें। साथ ही भगवद्गीता का नियमित पाठ करें।
  • भगवान कृष्ण की पूजा – इस मास में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करें और शुद्ध, सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • मंदिर और तुलसी पूजा – सुबह-शाम मंदिर जाएं, घर की उत्तर दिशा और तुलसी के पास दीपक अवश्य जलाएं।
  • दान और सेवा – गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना अत्यंत फलदायक माना जाता है।
  • शुद्ध विचार और कर्म – अपने वचन, विचार और कर्म को शुद्ध रखें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

मार्गशीर्ष मास का महत्व

भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में कहा है – ‘मासनां मार्गशीर्षोऽहम्’, अर्थात महीनों में मैं मार्गशीर्ष मास हूं। यह मास साधना, दान, व्रत और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान, ध्यान और गायत्री जप करने से पाप नष्ट होते हैं। यह मास न केवल धार्मिक कर्तव्य का है बल्कि आत्मिक उन्नति और ईश्वर-संयोग का समय भी है।

मार्गशीर्ष मास में ये कार्य न करें

  • भोजन में प्रतिबंध – इस मास में जीरा, मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित है। बासी या ठंडा भोजन भी नहीं करना चाहिए।
  • नकारात्मक व्यवहार से बचें – झूठ बोलना, क्रोध, घमंड, चोरी, किसी का दिल दुखाना और बुराई करना निषिद्ध है।
  • ध्यान और कर्म – इस मास में ध्यान अपने कार्यों पर केंद्रित रखें और नकारात्मक कर्मों से बचें।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।