#SarkarOnIBC24 : ‘आग’ की लड़ाई..औरंगजेब पर आई! क्या बलौदाबाजार के संवेदनशील मसले पर सियासत जरूरी है?

क्या बलौदाबाजार के संवेदनशील मसले पर सियासत जरूरी है? Is politics necessary on the sensitive issue of Balodabazar?

  •  
  • Publish Date - June 14, 2024 / 12:17 AM IST,
    Updated On - June 14, 2024 / 12:24 AM IST

रायपुर: बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान जिस तरह से हिंसा, तोड़-फोड़ और प्रदर्शन हुआ उसने प्रदेशवासियों को समाज को गहरा आघात पहुंचाया, जिन खामियों या लापरवाह अंदाज पर प्रदर्शन हुआ था, उसके बाद कलेक्टर-SP बदले जा चुक है। दोषियों पर मामला दर्ज हुआ है, सम्पत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए भी युद्धस्तर पर काम जारी है। कुल मिलाकर प्रसाशनिक स्तर पर पूरा अमला अब हरकत में है, लेकिन सियासी स्तर पर संगीन आरोप-प्रत्यारोप का ऐसा दौर चला है जिसमें सरकार की तुलना औरंगजेब से कर दी गई, जिस पर अब सियासी बवाल मच गया है।

Read More : #SarkarOnIBC24: लाखों छात्रों का सवाल..सियासी बवाल! NEET-UG परीक्षा को लेकर क्यों उठ रहे सवाल? देखिए वीडियो 

बलौदाबाजार हिंसा के बाद से गंभीर आरोप-प्रत्यारोप के साथ कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने है। पहले भाजपा सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि घटना में कुछ कांग्रेसी नेता पर्दे पर और पर्दे के पीछे शामिल रहे। जवाब में पूर्व मंत्री गुरू रुद्र कुमार सरेंडर करने रायपुर SP के पास पहुंचे और मंत्रियों से माफी की मांग की वर्ना मानहानि केस का दावा किया। गुरुवार को कांग्रेस ने राज्य सरकार पर प्रदेश में फेल कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए अपनी जांच समिति बलौदा बाजार में घटनास्थल पर भेजी। जैतखाम के दर्शन-पूजन के बाद कांग्रेस के जांच दल के संयोजक-पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने मौजूदा बीजेपी सरकार की तुलना औरंगजेब से कर, यहां तक कह दिया कि सतनामियों को प्रताड़ित करने में भाजपा औरंगजेब से भी आगे निकल गई। जाहिर है इस संगीन आरोप पर पलटवार भी तगड़ा ही होना था। जवाब में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि शिव डहरिया बेतुकी,झूठी और बेबुनियाद बात कर रहे हैं।

Read More : Bihar Transfer News: शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल, अपर मुख्य सचिव समेत 9 वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला, जानें किसे कहा मिली नई पदस्थापना 

एक तरफ हिंसक प्रदर्शन में बर्बाद स्थानों पर प्रशासन हुलिया और हालात दोनों को सामान्य बनाने में जी-जान से जुटी है। उपद्रवियों को गिरफ्तार कर उन्हीं से भरपाई की तैयारी है तो दूसरी तरफ मामले को शांत करने के बजाए, सुलगते सियासी बयानों से आग भड़काने का प्रयास साफ दिख रहा है। सवाल है इस संवेदनशील मसले पर शांति और सद्भाव जरूरी है या सियासत ?

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp